मथुरा, उत्तर प्रदेश:थाना राया क्षेत्र के गांव तिरवाया में मंगलवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां खेलते समय तीन साल का मासूम बच्चा पुराने बोरवेल में गिर गया और उसकी दर्दनाक मौत हो गई।



प्राप्त जानकारी के अनुसार, अनूप सिंह के घर में एक पुराना और खराब बोरवेल था, जिसे वर्षों पहले बंद कर दिया गया था। बोरवेल को प्लास्टिक की बाल्टी से ढका गया था, जो समय के साथ धूप और गर्मी से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी थी। मंगलवार को अनूप सिंह का तीन वर्षीय बेटा रक्षित उर्फ भोला घर के आंगन में खेल रहा था। खेलते-खेलते वह उस पुराने बोरवेल की ढकी बाल्टी पर चढ़ गया। बाल्टी का कमजोर हिस्सा टूट गया और मासूम बच्चा करीब 30 फीट गहरे बोरवेल में जा गिरा।

बच्चे के गिरते ही परिजनों में कोहराम मच गया। शोर सुनकर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई और तुरंत इसकी सूचना राया पुलिस को दी गई। थाना प्रभारी अजय कौशल अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। लगभग आधे घंटे की मशक्कत के बाद रक्षित को बोरवेल से बाहर निकाला गया और तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

इस दर्दनाक हादसे के बाद गांव में शोक की लहर फैल गई है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि बंद पड़े बोरवेल को सुरक्षित रूप से सील करने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।

प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवाल:
यह घटना एक बार फिर पुराने और असुरक्षित बोरवेल को लेकर प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते बंद बोरवेल को ढंग से सील किया गया होता तो यह हादसा टल सकता था।

राहुल गौड एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में कार्य करने का 10 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उत्तर प्रदेश के जनपद मथुरा में सक्रिय रहते हुए उन्होंने विभिन्न समाचार माध्यमों के लिए निष्पक्ष और प्रभावशाली रिपोर्टिंग की है। उनके कार्य में स्थानीय मुद्दों की गंभीर समझ और जनसरोकार से जुड़ी पत्रकारिता की झलक मिलती है।

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