मथुरा।जहां एक ओर देश अपने वीर सपूतों को सिर्फ उनके बलिदान दिवस पर याद करता है, वहीं एक बंदर ने मथुरा में एक ऐसा उदाहरण पेश किया जिससे इंसानियत शर्मसार और भावुक दोनों हो गई। मथुरा के डैंपियर नगर में स्थित शहीद-ए-आज़म भगत सिंह की प्रतिमा पर आज एक अद्भुत और संवेदनशील दृश्य देखने को मिला।



स्थानीय लोगों के अनुसार, एक बंदर भगत सिंह की प्रतिमा के पास पहुंचा और उसे गले लगाकर लंबे समय तक बैठा रहा। मानो वह अपने हाव-भाव से यह कह रहा हो कि “मैं तो एक जानवर हूं, लेकिन उन महान आत्माओं को नमन कर रहा हूं जिन्होंने अपनी जान देश के लिए कुर्बान कर दी। क्या आज का इंसान ऐसा कर पा रहा है?”

यह दृश्य न सिर्फ आश्चर्यजनक था बल्कि एक गहरी सोच छोड़ गया कि क्या आज का इंसान अपने कर्तव्यों और संवेदनाओं को भूल गया है? जब एक जानवर भी देशभक्ति और बलिदान को समझ सकता है, तो क्या हमें नहीं सोचना चाहिए कि हम अपने शहीदों को सिर्फ साल में एक दिन याद कर छोड़ तो नहीं देते?

इस घटना के गवाह बने स्थानीय लोगों ने इसे एक “प्राकृतिक संदेश” बताया, जिसमें इंसानियत और संवेदनशीलता की गूंज थी। सोशल मीडिया पर यह दृश्य वायरल हो रहा है और लोगों में देशभक्ति की भावना फिर से जागृत कर रहा है।

शहीद भगत सिंह प्रतिमा को गले लगाता हुआ बंदर

राहुल गौड एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में कार्य करने का 10 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उत्तर प्रदेश के जनपद मथुरा में सक्रिय रहते हुए उन्होंने विभिन्न समाचार माध्यमों के लिए निष्पक्ष और प्रभावशाली रिपोर्टिंग की है। उनके कार्य में स्थानीय मुद्दों की गंभीर समझ और जनसरोकार से जुड़ी पत्रकारिता की झलक मिलती है।

Exit mobile version