मुरैना/मप्र। मुरैना की धरती पर जन्मी आशा सिकरवार एक सशक्त महिला जो कि पेशे से एक वकील है। साथ ही समाजसेवा से जुड़ी हुई है। आशा सिकरवार ने खुद पर हुई घरेलू हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई इसके बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई को जारी रखते हुए लॉ की डिग्री को पूरा कर खुद को तो सशक्त बनाया ही साथ ही वह दूसरी महिलाओं को भी सशक्त बनाने एवं नवजात बेटियों की जान बचाने के लिये 2002 से अभियान चलाने में जुट गई ।चंबल अंचल जो कि जेंडर रेश्यो के मामले में काफी पिछड़ा अंचल है, वहां इस तरह के अभियान चलाकर वह लोगों को जागरूक कर रही है एवं महिलाओं को सशक्त बनाने तथा हिंसा से सामने न झुकने का पाठ पढ़ा रहीं है। 

सुश्री आशा सिकरवार बताती है कि उन्होंने इस अभियान को चालू करने से पहले काफी रिसर्च की एवं ’’जागो सखी’’ संगठन के नाम से एक संगठन भी बनाया, जो गांव-गांव जाकर जागरूकता फैलाने का कार्य करता था। वह बताती है कि उन्होंने नवजात, किशोरी, युवा, वृद्धा अलग-अलग उम्र की महिलायों की जिंदगी से जुड़ी समस्याओं एवं उनके प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से ग्रुप बनाये। जो कि उम्र के हिसाब से महिलाओं को सशक्त बनाने, उनके अधिकारों के लिये जागरूक करने का कार्य करते है।वह बताती है कि उन्होंने महिलाओं की काउंसिलिंग भी की एवं उनको खुद के ख़िलाफ़ हो रही हिंसा से लड़ने के लिये सशक्त बनाया। उन्होंने महिलायों लाइफ स्किल सिखाई, जिसमें बाजार में अपने कार्य करना, बैंक से संबंधित कार्य, पुलिस थानों का भ्रमण,कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक से मिलवाना, अपनी परेशानियों के बारे में लिखना सिखाना एवं अपनी बात खुलकर रखना सिखाया। वह बताती है कि आज कई महिलायें खुद के स्व-सहायता समूह चला रहीं है एवं नर्सिंग का कोर्स कर रहीं है।

वह बताती है कि वह पीसीपीएनडीटी एक्ट कमेटी की एनआईसी सदस्य भी है, वह मीडिया ग्रुप के साथ कैपिंग भी कर चुकी है।उन्होंने ‘अवर गर्ल अवर प्राइड नाम से एक कैंपेन भी चलाया । उन्होंने दूसरे राज्यों में भी इस प्रकार के अभियान चलाकर बेटियों की जिंदगी संवारी है।ऐसी सशक्त महिलायें देश की बाक़ी महिलाओं को भी जागरूक करके देश प्रदेश एवं मुरैना जिले का नाम रोशन कर रही हैं।

🔹जिला ब्यूरो चीफ मुरैना- मुहम्मद इसरार खान

"गांव से शहर तक, गलियों से सड़क तक- आपके इलाके की हर धड़कन को सुनता है "जिला नजर" न्यूज़ नेटवर्क: नजरिया सच का

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