रिपोर्ट 🔹विकास भारद्वाज स्टेट ब्यूरो चीफ (उप्र) JNN
कासगंज। उत्तर प्रदेश के जनपद कासगंज में हाल ही में सामने आया गैंगरेप का मामला बेहद गंभीर है और समाज में आक्रोश का कारण बना है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक युवती के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया, और इस मामले में कुछ आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पीड़िता और उसके परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है।
यहाँ पर कासगंज गैंगरेप मामले से जुड़ी जानकारी तीन भागों में दी गई है:
1. पूरा घटनाक्रम,
2. कानूनी प्रक्रिया,
3. मीडिया और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया।
1. पूरा घटनाक्रम (अब तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार):
कासगंज, उत्तर प्रदेश में यह घटना अप्रैल 2025 की शुरुआत में सामने आई। मीडिया रिपोर्ट्स और पुलिस एफआईआर के अनुसार:
घटना का समय और स्थान: यह घटना एक ग्रामीण क्षेत्र में हुई, जब पीड़िता किसी निजी काम से घर से बाहर गई थी।आरोपियों ने उसे अगवा किया और सुनसान जगह पर ले जाकर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया।घटना के बाद पीड़िता ने घर पहुंचकर परिजनों को बताया, जिन्होंने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।एफआईआर दर्ज होते ही पुलिस ने सक्रियता दिखाई, और कुछ आरोपियों को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार किया गया।पीड़िता का मेडिकल परीक्षण हुआ, और रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि हुई है।कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, आरोपी प्रभावशाली परिवारों से जुड़े हुए हैं, जिस कारण शुरुआती स्तर पर मामले को दबाने की कोशिशें हुईं, लेकिन स्थानीय लोगों और मीडिया के दवाब के चलते कार्रवाई तेज़ की गई।
2. कानूनी प्रक्रिया:
FIR और धाराएँ: IPC की धारा 376D (गैंगरेप), 342 (ग़लत तरीके से बंधक बनाना), 506 (धमकी देना) और POCSO Act (यदि पीड़िता नाबालिग है) के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया।
गिरफ्तारी: पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया। कुछ आरोपी फरार थे जिन्हें पकड़ने के लिए टीमें गठित की गईं।
मेडिकल और बयान: पीड़िता का मेडिकल परीक्षण किया गया। 164 CrPC के तहत कोर्ट में उसका बयान दर्ज किया गया।
फॉरेंसिक जांच: घटनास्थल से सबूत एकत्र कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे गए।
न्यायिक प्रक्रिया: केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाने की मांग हो रही है ताकि जल्द न्याय मिल सके।
सुरक्षा व्यवस्था: पीड़िता और उसके परिवार को सुरक्षा दी जा रही है क्योंकि उन्हें धमकियाँ मिलने की खबरें भी आई हैं।
3. मीडिया और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया:
मीडिया:
टीवी और प्रिंट मीडिया ने इस मामले को काफी जगह दी है, खासकर स्थानीय अखबारों और चैनलों ने।कुछ राष्ट्रीय मीडिया चैनलों ने इसे हाथरस कांड से जोड़कर दिखाया और न्याय की मांग उठाई।रिपोर्टिंग में प्रशासन की शुरुआती उदासीनता और आरोपियों की सामाजिक स्थिति पर सवाल उठे हैं।
सोशल मीडिया:
ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर #JusticeForKasganjVictim जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।लोग न्याय और सख्त सज़ा की मांग कर रहे हैं। कुछ एक्टिविस्ट्स और सेलेब्रिटीज़ ने भी पोस्ट करके सरकार और प्रशासन पर दबाव डाला है।कुछ सोशल मीडिया पेजों ने पीड़िता की पहचान उजागर की, जो कि क़ानूनी रूप से गलत है — इसके लिए कार्रवाई भी हो सकती है।
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