आगरा: दुनिया के सातवें अजूबे ताजमहल को प्रदूषण से बचाने के लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) ने बड़ा कदम उठाया है। सीएसआईआर-राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (NEERI) की सिफारिश पर TTZ (Taj Trapezium Zone) से सटे फतेहपुर सीकरी, मथुरा, वृंदावन, फिरोजाबाद और हाथरस में एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन (CAQMS) लगाने की मंजूरी दे दी गई है। इन स्टेशनों से आसपास के शहरों से आने वाली हवाओं की गुणवत्ता पर नजर रखी जाएगी, जिससे ताजमहल पर प्रदूषण के असर को कम करने के लिए प्रभावी रणनीति बनाई जा सकेगी।

स्टेशनों की स्थापना: ताज की ‘हवा की दीवार’ पर निगरानी

UPPCB की मंजूरी के बाद क्षेत्रीय अधिकारी स्थानों का चिह्नीकरण कर रहे हैं। आगरा क्षेत्रीय कार्यालय ने पर्यटन निगम के गुलिस्तान रेस्टोरेंट में पहला स्टेशन लगाने के लिए टेंडर जारी कर दिया है। ये स्टेशन ऑटोमेटिक होंगे, जो PM2.5, PM10, SO2, NO2 जैसे प्रदूषकों की रीयल-टाइम मॉनिटरिंग करेंगे। डेटा सीधे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के पास जाएगा, जिससे प्रदूषण नियंत्रण योजनाएं मजबूत होंगी।

NCR और अन्य जिलों में भी विस्तार: कुल 18 स्टेशन, 36 करोड़ का निवेश

NCR में बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए:

  • गाजियाबाद: 2 स्टेशन
  • मोदीनगर: 1
  • लोनी: 2
  • खेरा: 1
  • मेरठ: 2
  • बागपत के बड़ौत: 1
  • शामली: 1

इसके अलावा रायबरेली, सोनभद्र (अनपरा) और अमरोहा (गजरौला) में भी एक-एक स्टेशन लगेगा। कुल 18 स्टेशनों की स्थापना पर लगभग 36 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह कदम NEERI की रिपोर्ट पर आधारित है, जो राजस्थान से आने वाली धूल भरी हवाओं को ताजमहल के लिए खतरा बताती है।

राजस्थान की धूल भरी हवाएं: खतरे की जड़

एयर एक्शन प्लान और IIT-NEERI रिपोर्ट्स में भरतपुर व अन्य राजस्थानी जिलों से आगरा की ओर बहने वाली हवाओं में PM कणों का इजाफा उजागर हुआ है। इससे ताजमहल की संगमरमर की चमक फीकी पड़ रही है। फतेहपुर सीकरी और आगरा के बीच हरियाली बढ़ाने व ऊंचे पेड़ लगाने की सिफारिश की गई थी, लेकिन अब CAQMS से सटीक मॉनिटरिंग संभव होगी। इससे प्रदूषण के स्रोत—जैसे इंडस्ट्री, वाहन उत्सर्जन या धूल—का पता लगाकर रोकथाम आसान हो जाएगी।

अधिकारी बोले: जल्द शुरू होंगे स्टेशन

UPPCB के क्षेत्रीय अधिकारी अमित मिश्रा ने बताया, “फतेहपुर सीकरी में स्थान चिह्नित हो चुका है। बोर्ड के निर्देश पर स्टेशन जल्द शुरू हो जाएंगे, और डेटा CPCB को मिलने लगेगा।” यह पहल ताजमहल को साफ हवा का ‘शील्ड’ देगी, साथ ही NCR के वायु प्रदूषण पर भी अंकुश लगाएगी। पर्यावरणविदों का मानना है कि ये स्टेशन न केवल ताज की रक्षा करेंगे, बल्कि स्थानीय स्वास्थ्य को भी फायदा पहुंचाएंगे।

error: Content is protected !!
Exit mobile version