आगरा: जिले के प्रमुख शू एक्सपोर्टर पूरन डावर को नकली आयकर रेड की धमकी देकर पांच करोड़ रुपये की उगाही की साजिश का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। धमकी एक लिखित पत्र के माध्यम से दी गई थी, जिसमें अपराधियों ने खुद को डावर परिवार का शुभचिंतक और आयकर विभाग में प्रभावशाली संपर्क वाला व्यक्ति बताया। इस पत्र के बाद पूरन डावर ने तुरंत आगरा पुलिस कमिश्नर को सूचित किया, जिसके बाद पुलिस ने विशेष टीम गठित कर जाल बिछाया और दो संदिग्धों को धर दबोचा। पुलिस को शक है कि इस साजिश में डावर ग्रुप से जुड़े किसी अंदरूनी व्यक्ति का हाथ हो सकता है।

धमकी भरा पत्र और साजिश का खुलासा

पत्र पूरन डावर के पुत्र सम्भव डावर को संबोधित था। इसमें धमकाने वालों ने दावा किया कि आयकर विभाग के रेड इंचार्ज के पास डावर ग्रुप की संपत्तियों और कारोबार से जुड़ी संवेदनशील जानकारी वाली फाइल है। पत्र में साफ लिखा था कि तय तारीख तक पांच करोड़ रुपये न देने पर आयकर विभाग बड़ी कार्रवाई करेगा और मामले को सार्वजनिक करने पर गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। पत्र में यह भी दावा किया गया कि आयकर विभाग ने शुरू में दस करोड़ रुपये मांगे थे, लेकिन “शुभचिंतक” ने इसे पांच करोड़ में “सेटल” कर लिया।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई

पूरन डावर ने पत्र पढ़ने के बाद इसे नजरअंदाज करने के बजाय पुलिस को सूचित करना उचित समझा। उन्होंने आगरा के पुलिस कमिश्नर को पत्र सौंपकर मामले की गंभीरता बताई। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और एक विशेष टीम गठित कर रणनीति बनाई।

जाल बिछाकर संदिग्धों की गिरफ्तारी

पत्र में दिए निर्देशों के अनुसार, पांच करोड़ रुपये दो-तीन कार्टनों में 12 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे गुरुद्वारा गुरु का ताल के सामने फ्लाईओवर के नीचे एक चाय वाले को सौंपने थे। पुलिस ने इस निर्देश का पालन करते हुए एक कार्टन तैयार किया, जिसमें नकदी की जगह किताबें और कॉपियाँ रखी गईं। सादे वर्दी में तैनात पुलिसकर्मियों ने कार्टन की निगरानी की और जैसे ही दो युवक कार्टन उठाने आए, उन्हें मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने अभी तक गिरफ्तार संदिग्धों के नामों का खुलासा नहीं किया है।

अंदरूनी साजिश की आशंका

पूछताछ में पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या यह साजिश डावर ग्रुप के किसी कर्मचारी या अंदरूनी व्यक्ति की मदद से रची गई। पुलिस का मानना है कि साजिशकर्ताओं को कंपनी के आंतरिक कामकाज की गहरी जानकारी थी। संदिग्धों के मोबाइल, कॉल लॉग, मैसेज और अन्य दस्तावेजों की जाँच की जा रही है। पुलिस फैक्ट्री में जानकारी लीक होने की संभावना को भी खंगाल रही है।

साजिश की कार्यप्रणाली

धमकी भरे पत्र में रकम की डिलीवरी के लिए विस्तृत निर्देश दिए गए थे। इसमें गुरुद्वारे के पास फ्लाईओवर के नीचे चाय वाले को लिफाफा सौंपने, ड्राइवर को दो-तीन कार्टन भेजने, और कार्टन में बच्चों की किताबें होने का बहाना बनाने की बात थी। साथ ही, एक कोड नंबर वाली पर्ची के आधार पर कार्टन सौंपने का जिक्र था। पुलिस ने इसी प्रक्रिया का इस्तेमाल कर जाल बिछाया और संदिग्धों को पकड़ा।

मुख्य साजिशकर्ता की तलाश

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ्तार संदिग्धों से गहन पूछताछ जारी है और मुख्य साजिशकर्ता तक पहुँचने के लिए नेटवर्क की पड़ताल की जा रही है। पुलिस का कहना है कि इस रंगदारी रैकेट का जल्द ही पूर्ण भंडाफोड़ किया जाएगा। जांच पूरी होने पर विस्तृत एफआईआर और गिरफ्तारी की जानकारी सार्वजनिक की जाएगी।

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