झांसी: उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में बीजेपी के ही दो विधायकों के बीच सीपरी बाजार थाना के पूर्व प्रभारी इंस्पेक्टर आनंद सिंह को लेकर खुला द्वंद्व हो गया है। बबीना विधायक राजीव सिंह पारीछा की शिकायत पर प्रभारी मंत्री बेबी रानी मौर्य ने प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी को पत्र लिखा, जिसके बाद बृहस्पतिवार को इंस्पेक्टर को थाना प्रभारी पद से हटा दिया गया। अब इंस्पेक्टर के पक्ष में सदर विधायक रवि शर्मा ने मंत्री को पत्र लिखकर उनके व्यवहार की तारीफ की है, जिससे सियासत गरमा गई है। मंत्री का पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सदर विधायक का पत्र भी चर्चा में है। आईजी रेंज आकाश कुल्हारी ने मामले की जांच के लिए एसपी ग्रामीण डॉ. अरविंद कुमार को निर्देश दिए हैं। यह घटना बीजेपी की आंतरिक कलह को उजागर कर रही है, जहां एक ही पार्टी के विधायक एक ही अधिकारी पर भिन्न राय रख रहे हैं।

घटना 1 सितंबर 2025 को शुरू हुई, जब मंत्री बेबी रानी मौर्य (महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग) झांसी दौरे पर सर्किट हाउस में थीं। बबीना विधायक राजीव सिंह पारीछा ने इंस्पेक्टर आनंद सिंह पर व्यक्तिगत रंजिश रखने और सार्वजनिक रूप से अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। विधायक ने कहा कि इंस्पेक्टर बार-बार कहते हैं, “मुझे जो करना था, वह कर लिया।” मंत्री ने इंस्पेक्टर को बुलाकर पूछताछ की, लेकिन कथित तौर पर उन्होंने अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया, जिस पर मंत्री ने फटकार लगाई। विधायक ने बर्खास्तगी की मांग की, तो मंत्री ने प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी को पत्र लिख दिया। पत्र में मंत्री ने इंस्पेक्टर के “अहंकारी रवैये” और “असंसदीय शब्दों” का जिक्र किया, जैसे “जो करना है, कर लो।” पत्र वायरल होते ही बृहस्पतिवार को इंस्पेक्टर को एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) शाखा भेज दिया गया।

सदर विधायक का बचाव: ‘व्यवहार मृदुल, अपराध नियंत्रण में सजग’

सदर विधायक रवि शर्मा ने बृहस्पतिवार को ही प्रभारी मंत्री बेबी रानी मौर्य को पत्र लिखा, जिसमें इंस्पेक्टर आनंद सिंह के पक्ष में खुलकर समर्थन जताया। पत्र में विधायक ने लिखा कि आनंद कुमार सिंह उनके विधानसभा क्षेत्र के सीपरी बाजार थाना प्रभारी हैं और जन सामान्य के प्रति उनका व्यवहार मृदुल (कोमल) रहा है। उनके खिलाफ अब तक कोई विपरीत तथ्य प्रकाश में नहीं आया। विधायक ने कहा कि इंस्पेक्टर अपने कार्य के प्रति सजग हैं और अपराध नियंत्रण में सफल सिद्ध हुए हैं। उन्होंने मंत्री से अपील की कि यदि कोई कार्रवाई प्रचलित है, तो अपने स्तर से जांच कराएं ताकि सत्य सामने आ सके। पत्र की डीजीपी को कॉपी भेजी गई है। यह पत्र भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे बीजेपी में अटकलें तेज हो गईं।

विवाद के मुख्य बिंदु:

  • शिकायत का आधार: बबीना विधायक का आरोप—इंस्पेक्टर पर अभद्रता, व्यक्तिगत रंजिश और मंत्री से असंसदीय भाषा।
  • मंत्री का पत्र: 1 सितंबर की घटना का उल्लेख, कार्रवाई की मांग; वायरल होने पर तत्काल तबादला।
  • सदर विधायक का पत्र: इंस्पेक्टर के व्यवहार को मृदुल बताया, जांच की मांग; डीजीपी को कॉपी।
  • कार्रवाई: इंस्पेक्टर को AHTU भेजा गया; आईजी ने एसपी ग्रामीण को जांच के निर्देश दिए।
  • राजनीतिक प्रभाव: बीजेपी के दो विधायकों के बीच टकराव, पार्टी में कलह की आशंका।

पृष्ठभूमि और राजनीतिक संदर्भ

यह विवाद झांसी में बीजेपी की आंतरिक राजनीति को दर्शाता है। बबीना विधायक राजीव सिंह पारीछा पहले भी विवादों में रहे हैं, जैसे जून 2025 में वंदे भारत ट्रेन में यात्री से झगड़े का मामला। सदर विधायक रवि शर्मा का समर्थन इंस्पेक्टर को बचाने का प्रयास माना जा रहा है, जो थाने के प्रभावशाली क्षेत्र में काम कर रहे थे। मंत्री बेबी रानी मौर्य का सख्त रुख पुलिस सुधारों का हिस्सा लगता है, लेकिन इससे विधायकों के बीच तनाव बढ़ गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह 2027 चुनाव से पहले पार्टी की एकजुटता पर सवाल खड़े कर सकता है। पुलिस ने कहा कि जांच पूरी होने पर रिपोर्ट सौंपी जाएगी।

  • रिपोर्ट – नेहा श्रीवास
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