आगरा। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में अनुशासन और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कुलपति प्रो. आशु रानी ने बुधवार को सख्त रुख अपनाया। उन्होंने विश्वविद्यालय सचिवालय स्थित बृहस्पति भवन में एक आपात बैठक बुलाकर सभी आवासीय संस्थानों के निदेशकों, विभागाध्यक्षों और प्रभारी अधिकारियों को सुरक्षा, अनुशासन और पारदर्शिता से जुड़ी नीतियों पर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए।

सूत्रों के अनुसार, यह कदम उस समय उठाया गया है जब विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग के एक शिक्षक पर शोध छात्रा द्वारा गंभीर आरोप लगाए गए थे।

🔹 सुरक्षा और निगरानी पर सख्त नियंत्रण

कुलपति ने सभी संस्थानों में सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य रूप से लगाने और उनकी नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि —

“संस्थान तय समय पर खुलें और बंद हों, बाहरी व्यक्तियों या अनधिकृत विद्यार्थियों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।”

सुरक्षा व्यवस्था की नियमित समीक्षा संबंधित निदेशक करेंगे और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट दी जाएगी।

🔹 अनुशासन और जवाबदेही तय

कुलपति ने कहा कि हर आने-जाने वाले व्यक्ति का विवरण रजिस्टर में दर्ज किया जाए ताकि पूर्ण पारदर्शिता बनी रहे।
यदि कोई विभाग या संस्थान निर्धारित समय से पहले या बाद में खुलता है, तो इसके लिए विभागाध्यक्ष या निदेशक की पूर्व अनुमति आवश्यक होगी।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि छुट्टी के दिन आने वाले शिक्षकों की उपस्थिति रजिस्टर में दर्ज की जाए, जिससे कार्यसंस्कृति पारदर्शी रहे।

🔹 बिना अनुमति छुट्टी पर रुकेगा वेतन

प्रो. आशु रानी ने साफ कहा कि कोई भी गैर-शैक्षणिक कर्मचारी बिना अनुमति छुट्टी नहीं लेगा।

“यदि कोई कर्मचारी बिना बताए छुट्टी पर जाता है, तो उसका वेतन तुरंत रोक दिया जाएगा,”
कुलपति ने कहा।

उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह सख्ती अनुशासन, जवाबदेही और कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक है और किसी को भी विशेष छूट नहीं दी जाएगी।

🔹 संवाद और समन्वय पर जोर

कुलपति ने निदेशकों और विभागाध्यक्षों को निर्देश दिया कि शिक्षकों, विद्यार्थियों और कर्मचारियों के बीच नियमित संवाद बना रहे।

“संवाद और समन्वय ही सकारात्मक कार्यसंस्कृति की नींव हैं। विश्वविद्यालय में सौहार्दपूर्ण और प्रगतिशील माहौल बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है,”
उन्होंने कहा।

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