बलरामपुर/यूपी। बलरामपुर जिले के पचपेड़वा थाना क्षेत्र में स्थित विमला विक्रम अस्पताल में एक शर्मनाक घटना सामने आई है। यहां इलाज के लिए पहुंची एक महिला के साथ अस्पताल के कर्मचारी द्वारा रेप का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी कर्मचारी योगेश पांडे को गिरफ्तार कर लिया है।
जानकारी के अनुसार, गैसड़ी क्षेत्र की 28 वर्षीय महिला सीने में दर्द की शिकायत लेकर गुरुवार शाम अपने पति के साथ विमला विक्रम अस्पताल पहुंची थी। डॉक्टरों ने उसे तत्काल आईसीयू में भर्ती किया। रात की ड्यूटी पर तैनात कंपाउंडर योगेश पांडे ने महिला के परिजनों को बहाने से आईसीयू से बाहर कर दिया। इसके बाद उसने इलाज के नाम पर महिला को बेहोशी का इंजेक्शन लगाया और उसके साथ दुष्कर्म किया। महिला को होश आने पर उसने शोर मचाया, जिसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गया।
महिला ने हिम्मत दिखाते हुए अपने परिजनों और पुलिस को घटना की जानकारी दी। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन से शिकायत की, लेकिन उन्हें कथित तौर पर धमकी और पैसे का लालच देकर चुप कराने की कोशिश की गई। इसके बावजूद, पीड़िता के पति ने पचपेड़वा थाने में तहरीर देकर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कराया। मेडिकल जांच में रेप की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने योगेश पांडे को भाथर पुल के पास से गिरफ्तार कर लिया।
सीसीटीवी फुटेज बना अहम सबूत
पुलिस ने अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज को जब्त किया है, जिसमें वारदात कैद हुई है। क्षेत्राधिकारी तुलसीपुर बृजनंदन राय ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है और उससे पूछताछ जारी है। पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने कहा कि दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और पीड़िता को पूरी सुरक्षा प्रदान की जा रही है।
अस्पताल प्रबंधन पर सवाल
विमला विक्रम अस्पताल समाजवादी पार्टी के पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री सलील सिंह टीटू का बताया जा रहा है, जो क्षेत्र में एक बड़े कारोबारी के रूप में भी जाने जाते हैं। इस घटना ने अस्पताल प्रबंधन की कार्यप्रणाली और कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि आरोपी को मरीजों को इंजेक्शन लगाने की अनुमति किस आधार पर दी गई थी।
धर्मांतरण सिंडिकेट से भी चर्चा में रहा बलरामपुर
बता दें कि बलरामपुर जिला हाल ही में एक कथित धर्मांतरण सिंडिकेट के खुलासे को लेकर भी सुर्खियों में रहा था। इस घटना ने जिले में महिलाओं की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। स्थानीय लोग अस्पताल जैसे सुरक्षित माने जाने वाले स्थान पर इस तरह की वारदात को लेकर आक्रोशित हैं और दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और जल्द ही आरोपी को अदालत में पेश कर रिमांड की मांग की जाएगी। इस घटना ने एक बार फिर अस्पतालों में मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जरूरत पर जोर दिया है।
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