आगरा। जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अरविन्द मल्लप्पा बंगारी की अध्यक्षता में शुक्रवार को कलक्ट्रेट सभागार में मतदेय स्थलों के सम्भाजन एवं पुनर्निर्धारण को लेकर जनपद के समस्त मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक सम्पन्न हुई
बैठक में जिलाधिकारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जनपद में 1200 मतदाताओं के आधार पर मतदेय स्थलों का पुनर्निर्धारण किया जा रहा है। इस क्रम में अब तक के सत्यापन के अनुसार जनपद में 3696 मतदेय स्थल प्रस्तावित हैं, जिनमें 241 नए मतदेय स्थल जोड़े जाने की संभावना है।
निर्वाचन आयोग की समय-सारिणी के अनुसार —
- 29 अक्टूबर से 4 नवम्बर 2025 तक मतदेय स्थलों का भौतिक सत्यापन व भवनों का चिन्हांकन किया गया।
- 6 से 7 नवम्बर तक राजनीतिक दलों से परामर्श लेकर प्रस्ताव तैयार किए गए।
- 10 नवम्बर को मतदेय स्थलों की आलेख्य सूची प्रकाशित की जाएगी।
- 18 नवम्बर को सांसदों, विधायकों एवं दलों के साथ बैठक कर आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा।
इसके पश्चात 19 से 21 नवम्बर के बीच मतदेय स्थलों का प्रस्ताव मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेजा जाएगा, और 24 नवम्बर को आयोग के अनुमोदनार्थ अग्रेषित किया जाएगा।
डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मतदेय स्थलों का निर्धारण पूर्ण भौतिक सत्यापन के साथ किया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि मतदाता संबंधित मतदान केंद्र के आसपास ही निवास करते हों।
उन्होंने कहा कि नए मतदेय स्थल ऐसे स्थानों पर बनाए जाएं जो सुविधाजनक, सुलभ एवं सुरक्षित हों। यदि कोई मतदान केंद्र मुख्य बस्ती से काफी दूरी पर है, तो उसे नजदीकी सरकारी भवन में स्थानांतरित किया जाए।
निर्देशों के मुख्य बिंदु:
- प्रत्येक मतदान केंद्र तक पहुंचने की दूरी 2 किमी से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- प्रत्येक स्थल पर दिव्यांगजनों के लिए रैंप की व्यवस्था अनिवार्य होगी।
- किसी भी राजनीतिक दल या संगठन के कार्यालय से 200 मीटर के भीतर मतदान केंद्र नहीं बनेगा।
- निजी भवनों में स्थित केंद्रों को सरकारी भवनों में स्थानांतरित किया जाएगा, जहाँ संभव हो।
- ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी, आरडब्ल्यूए कॉलोनियों और झुग्गी-झोपड़ी वाले क्षेत्रों में नए मतदान केंद्रों पर विचार किया जाएगा।
जिलाधिकारी श्री बंगारी ने कहा कि, “यह पूरी प्रक्रिया निर्वाचन आयोग की पारदर्शी व्यवस्था का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य मतदाताओं को अधिकतम सुविधा और सुगमता प्रदान करना है।” बैठक में निर्वाचन अधिकारीगणों के साथ विभिन्न राजनीतिक दलों के जिला स्तरीय प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

