आगरा। हरियाणा में मजदूरी के नाम पर ले जाए गये एक किशोर को अमानवीय यातनाएं दी गईं तो वह मौका मिलने पर वहां से भाग निकला। पीलीभीत के इस किशोर को आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया। जीआरपी की मदद से किशोर को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया गया है। परिजनों को सूचना दे दी गई है, जो सोमवार को आगरा पहुंचकर किशोर को अपने साथ ले जाएंगे।
काम न करने पर मारपीट और भूखा रखा
जानकारी के अनुसार पीलीभीत के एक मोहल्ले में रहने वाले कुछ युवक किशोर को काम दिलाने का झांसा देकर हरियाणा ले गए थे। वहां उससे मजदूरों की तरह भारी काम कराया गया। काम से इनकार करने पर उसके साथ मारपीट की गई, भूखा रखा गया और पैसे भी छीन लिए गए। लगातार यातनाओं से परेशान किशोर मौका पाकर वहां से भाग निकला।
घर का पता पता नहीं था, ट्रेन में रोने लगा था
भाग निकलने के बाद किशोर किसी तरह ट्रेन में बैठ गया। लगातार सफर करने के बावजूद उसे अपने घर का सही पता मालूम नहीं हो सका। थक-हार कर वह ट्रेन में रोने लगा। उसी ट्रेन में एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम के कुश्ती कोच पुष्पेंद्र सिंह यात्रा कर रहे थे। बच्चे की हालत देखकर उन्होंने उससे बातचीत की और मामले की सूचना चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट नरेश पारस को दी।
आगरा कैंट पर उतारकर जीआरपी को सौंपा
नरेश पारस ने फोन पर किशोर से पूरी जानकारी लेने के बाद उसे आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर उतरवाया। इसके बाद चाइल्ड लाइन केस वर्कर राधा के साथ जीआरपी पहुंचकर जीडी में एंट्री कराई गई और किशोर को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया गया।
परिजनों को दी गई सूचना
नरेश पारस ने पीलीभीत में किशोर के परिजनों से संपर्क किया। परिजनों ने बताया कि किशोर 11 दिसंबर से लापता था और उसकी लगातार तलाश की जा रही थी। परिजन सोमवार सुबह आगरा पहुंचेंगे। किशोर को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर मेडिकल प्रक्रिया पूरी कराए जाने के बाद परिजनों के सुपुर्द किया जाएगा।
किशोर बने हुए हैं सॉफ्ट टारगेट
नरेश पारस ने बताया कि किशोर आजकल सॉफ्ट टारगेट बनते जा रहे हैं। काम दिलाने के बहाने उन्हें दूसरे राज्यों में ले जाकर बेच दिया जाता है या जबरन मजदूरी कराई जाती है। कई बार किशोर इस चंगुल से निकल भी नहीं पाते और घर तक नहीं पहुंच पाते।

