एटा: पहलगाम में हुए ताजा आतंकवादी हमले ने पूरे इलाके को दहला दिया। ये घटना न सिर्फ सुरक्षा बलों के लिए, बल्कि वहां मौजूद पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए भी एक खौ़फनाक अनुभव बन गई। जैसे ही गोलियों की तड़तड़ाहट सुनाई दी, लोग बुरी तरह से दहशत में आ गए और अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे। सड़कें, होटल और बाजार सब खाली हो गए, हर तरफ अफरा-तफरी मच गई। पहलगाम जैसे शांतिपूर्ण स्थल पर यह हिंसा की तस्वीर ने सभी को चौंका दिया।

अरविंद, जो खुद पहलगाम के निवासी हैं, ने बताया कि हमला अचानक हुआ था। वह अपनी आँखों से देख रहे थे कि कैसे लोग डर के मारे इधर-उधर भाग रहे थे, मानो पूरा इलाका एक युद्ध क्षेत्र बन गया हो। गोलियों की आवाज़ और बम विस्फोटों के बीच, एक अजीब सी खामोशी भी थी, जैसे लोग किसी आपातकालीन स्थिति में घिरे हुए हों। लेकिन इसके बावजूद, उन्होंने जो देखा वह दिल को थोड़ा सुकून देने वाला था—स्थानीय लोग और पर्यटक हिम्मत नहीं हार रहे थे।

अरविंद का कहना था, “लोग घबराए हुए थे, लेकिन साथ ही, एक तरह का संयम भी दिखा। सुरक्षाबल तुरंत सक्रिय हुए और उन्होंने हमलावरों को घेर लिया। हालात कुछ समय में काबू में आ गए, लेकिन तब तक डर और तनाव की स्थिति साफ तौर पर देखी जा सकती थी।”

उन्होंने आगे कहा, “पाहलगाम की खूबसूरती में यह हादसा एक काले धब्बे की तरह रह जाएगा, लेकिन लोगों की हिम्मत और साहस ने यह दिखा दिया कि आतंकवादी किसी भी स्थिति में हमारी संजीवनी को खत्म नहीं कर सकते।”

जैसे-जैसे हमलावरों को सुरक्षाबलों ने घेर लिया और मुठभेड़ खत्म हुई, इलाके में शांति बहाल हो गई, लेकिन यह घटना इस बात का एक कड़ा संदेश देती है कि आतंकवाद का डर कहीं भी दस्तक दे सकता है।

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