गोवर्धन।तहसील के करीब दो दर्जन से अधिक गाँव बाढ़ जैसे हालातों से जूझ रहे हैं। सैकड़ों बीघा ज़मीन में खड़ी बाजरा, ज्वार, कपास, मूंग, मक्का और धान की फसलें जलभराव की वजह से पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं। इससे किसानों में त्राहि-त्राहि का माहौल है।
ग्रामीणों का कहना है कि जलभराव से कई घरों में दरार आ गई हैं, झोपड़ीनुमा मकान गिर गए हैं और आवागमन के रास्ते बंद हो गए हैं। ग्राम पंचायत नगला सपेरा, नगला हमला, लोरिया, मांगोरा, फोडर, अहमल, सौख देहात, नेनुपट्टी, बछगांव, पेठा, सिंगापट्टी, मलसराय और दोसेरस समेत कई गाँव के लोग भारी संकट का सामना कर रहे हैं। लोरिया गाँव में तो मुख्य सड़क पर पानी भर जाने से राहगीरों और वाहनों को भी भारी दिक्कत हो रही है।

इस स्थिति को देखते हुए भारतीय किसान यूनियन मंच के जिला अध्यक्ष नवल सिंह चौधरी, जिला सचिव हिम्मत सिंह और जिला मीडिया प्रभारी देशराज कुंतल ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने किसानों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को सुना और भारी नुकसान की जानकारी ली।
पदाधिकारियों ने शासन-प्रशासन और सरकार से प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा देने की माँग की। साथ ही जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे धरातल पर उतरकर किसानों की समस्याओं को समझें और उनकी मदद के लिए तुरंत आगे आएँ।
ग्रामीण महिलाओं और पुरुषों ने भी अपने-अपने गाँव की समस्याओं और दयनीय हालातों को विस्तार से बताया। किसानों का कहना है कि यदि जल्द ही राहत और सहायता नहीं मिली तो उनकी स्थिति और गंभीर हो जाएगी।