नई दिल्ली: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मनरेगा (MGNREGA) को बदलकर नया ‘विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल 2025’ (VB-G RAM G बिल) लाने पर केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है। राहुल ने सोशल मीडिया पर अपने बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि उन्हें महात्मा गांधी के विचारों और गरीबों के अधिकारों से “पक्की नफरत” है, इसलिए मनरेगा जैसी योजना को खत्म करने की कोशिश हो रही है।
राहुल गांधी ने कहा कि मनरेगा महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने का जीवंत रूप है, जिसने करोड़ों ग्रामीण परिवारों को रोजगार का अधिकार दिया। कोविड काल में यह योजना ग्रामीण गरीबों के लिए आर्थिक सुरक्षा कवच बनी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 10 सालों से मोदी सरकार मनरेगा को कमजोर करती रही है और अब इसका नामो-निशान मिटाने की तैयारी है।
कांग्रेस नेता के मुताबिक, मनरेगा तीन सिद्धांतों पर आधारित थी: काम मांगने पर रोजगार की गारंटी, गांवों को विकास कार्य चुनने की स्वतंत्रता और मजदूरी का पूरा खर्च केंद्र का। नए बिल में इन सिद्धांतों को खत्म कर सब कुछ केंद्र के हाथ में देने की कोशिश है। बजट, योजनाएं और नियम केंद्र तय करेगा, राज्यों पर 40% खर्च का बोझ डाला जाएगा और बजट खत्म होने या फसल सीजन में काम रोका जा सकता है।
राहुल ने इसे गांधीजी के आदर्शों का अपमान बताते हुए कहा कि बेरोजगारी से युवाओं का भविष्य पहले ही खराब हो चुका है, अब ग्रामीण गरीबों की रोजी-रोटी पर हमला है। कांग्रेस इस “जनविरोधी” बिल के खिलाफ गांवों से संसद तक विरोध करेगी।
यह बिल मनरेगा की जगह लेगा, जिसमें काम के दिन 100 से बढ़ाकर 125 करने का प्रस्ताव है, लेकिन फंडिंग 60:40 (केंद्र-राज्य) होगी और स्कीम सप्लाई-ड्रिवन बनेगी। विपक्ष इसे गांधीजी का नाम हटाने और योजना कमजोर करने का आरोप लगा रहा है।

