आगरा: नेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के सभागार में चैंबर अध्यक्ष संजय गोयल की अध्यक्षता में और पूर्व अध्यक्ष एवं श्रम कल्याण प्रकोष्ठ चेयरमैन श्रीकिशन गोयल के नेतृत्व में उपश्रमायुक्त आगरा मंडल सियाराम सहित श्रम विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में श्रम कल्याण प्रकोष्ठ की ओर से 12 सूत्रीय प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।

चैंबर अध्यक्ष संजय गोयल ने बाल श्रम मुद्दे पर कहा कि उद्योग में बाल श्रमिक की सूचना पर जन्म प्रमाणपत्र या स्कूल प्रमाणपत्र से आयु सत्यापन तक कारखाना मालिक के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। केवल ट्रेड यूनियनों या एनजीओ की मिथ्या शिकायतों पर बाल श्रम उन्मूलन अधिनियम के तहत कार्रवाई अनुचित है। उन्होंने एनजीओ को कारखानों में जांच के लिए भेजने का विरोध किया।

उपश्रमायुक्त सियाराम ने स्पष्ट किया कि आयु दस्तावेज प्रस्तुत करने पर कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं होती। उन्होंने निर्माण श्रमिकों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी, जैसे मातृत्व-शिशु एवं बालिका मदद, संत रविदास शिक्षा प्रोत्साहन, कन्या विवाह सहायता, महात्मा गांधी पेंशन, गंभीर बीमारी सहायता आदि।

नए श्रम कानूनों पर बताया गया कि केंद्र ने चार कोड बनाए हैं: मजदूरी संहिता-2019, औद्योगिक संबंध संहिता-2020, सामाजिक सुरक्षा संहिता-2020 और उपजीविका सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य दशा संहिता-2020।

श्रीकिशन गोयल ने फर्जी शिकायतों से उद्यमियों के उत्पीड़न पर चिंता जताई और बिना साक्ष्य के संज्ञान न लेने की मांग की। उपश्रमायुक्त ने वार्ता से निस्तारण, न्यूनतम वेतन सूचना और अन्य मुद्दों पर सकारात्मक आश्वासन दिया।

बैठक में पूर्व अध्यक्ष सीताराम अग्रवाल, अमर मित्तल, अशोक कुमार गोयल, मुकेश अग्रवाल, अतुल कुमार गुप्ता, राजीव अग्रवाल सहित कई सदस्य मौजूद रहे। यह बैठक उद्यमियों और श्रम विभाग के बीच बेहतर समन्वय की दिशा में महत्वपूर्ण है।

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