बाराबंकी । उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में टिकैतनगर थाना क्षेत्र के सराय बराई गांव में गुरुवार शाम एक पटाखा फैक्ट्री में हुए जोरदार धमाके ने पूरे इलाके को दहला दिया। इस हादसे में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पांच अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। धमाके की तीव्रता इतनी अधिक थी कि फैक्ट्री की इमारत का बड़ा हिस्सा ध्वस्त हो गया और आसपास के घरों की दीवारों में दरारें पड़ गईं।
घटना का विवरण
घटना शाम करीब 5 बजे के आसपास हुई, जब फैक्ट्री में पटाखों के निर्माण का काम जोरों पर चल रहा था। अचानक आग लगने से अंदर रखे पटाखों में श्रृंखला विस्फोट शुरू हो गया, जिसकी आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। धुएं का घना गुबार आसमान छूने लगा, जिससे आसपास के ग्रामीण दहशत में आ गए। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, शव इतने क्षत-विक्षत हो गए कि उन्हें पहचानना मुश्किल हो गया।
घायलों को तुरंत नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से तीन की स्थिति गंभीर होने पर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। मृतकों और घायलों के नामों की आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है, लेकिन प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक वे फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर थे।
प्रशासन की तत्परता और जांच
सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं। दमकल विभाग की कई गाड़ियां आग बुझाने में जुटी रहीं, और काफी मशक्कत के बाद स्थिति नियंत्रण में आ गई। जिलाधिकारी (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) सहित वरिष्ठ अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे। बचाव कार्य तेजी से चलाया गया, जिसमें एनडीआरएफ की टीम को भी बुलाया गया।
बाराबंकी के आईजी प्रवीण कुमार ने बताया, “फैक्ट्री को 15 किलो तक आतिशबाजी के भंडारण और निर्माण का लाइसेंस प्राप्त था। विस्फोट का सटीक कारण फोरेंसिक टीम जांच रही है।” हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में फैक्ट्री को अवैध बताया गया है, जिससे संचालन नियमों पर सवाल उठ रहे हैं। पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और फैक्ट्री मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तैयारी कर रही है।
स्थानीय प्रभाव और चिंताएं
धमाके से न केवल फैक्ट्री तबाह हो गई, बल्कि आसपास के खेतों और घरों को भी नुकसान पहुंचा। ग्रामीणों ने बताया कि धमाके की वजह से उनके घरों की दीवारें हिल गईं और बच्चे डर के मारे रोने लगे। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “धुआं इतना घना था कि सांस लेना मुश्किल हो गया। हमने सोचा कोई बड़ा हादसा हो गया है।” यह घटना दिवाली के बाद पटाखा उद्योग की सुरक्षा मानकों पर फिर से बहस छेड़ रही है, जहां अवैध फैक्टरियां अक्सर ऐसी त्रासदियां रचती हैं
________


