लखनऊ: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के ब्रह्मोस मिसाइल प्रोजेक्ट से जुड़े एक युवा सिस्टम इंजीनियर आकाशदीप गुप्ता (30 वर्ष) की अचानक मौत ने पूरे रक्षा विभाग और उनके परिवार को गमगीन कर दिया है। मंगलवार रात अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने पर परिजनों ने उन्हें लोकबंधु अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने इलाज के दौरान उन्हें मृत घोषित कर दिया। प्रारंभिक जांच में मौत का कारण हृदयाघात (हार्ट अटैक) बताया जा रहा है। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है, और आगे की कार्रवाई जारी है।
आकाशदीप गुप्ता लखनऊ स्थित ब्रह्मोस मिसाइल उत्पादन इकाई में सिस्टम इंजीनियर के रूप में कार्यरत थे। वे पिछले 7 वर्षों से ब्रह्मोस मिशन से जुड़े हुए थे, जो भारत और रूस के संयुक्त उद्यम के तहत विकसित दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। यह मिसाइल भूमि, समुद्र, पनडुब्बी और हवाई प्लेटफॉर्म से लॉन्च की जा सकती है, तथा एंटी-शिप और लैंड-अटैक क्षमताओं के लिए जानी जाती है। आकाशदीप की विशेषज्ञता मिसाइल के सिस्टम इंटीग्रेशन और टेस्टिंग में थी, जो हाल ही में मई 2025 में लखनऊ में उद्घाटित ब्रह्मोस उत्पादन संयंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा बनी। यह संयंत्र न केवल भारत की रक्षा क्षमता को मजबूत कर रहा है, बल्कि लगभग 500 इंजीनियरों और तकनीशियनों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान कर रहा है।
परिजनों के अनुसार, आकाशदीप मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे और वे अपने काम के प्रति अत्यंत समर्पित थे। उनके सहकर्मी उन्हें एक मेहनती और नवाचारी इंजीनियर के रूप में याद करते हैं, जिन्होंने ब्रह्मोस के हालिया टेस्टिंग मिशनों में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। DRDO के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “आकाशदीप जैसे युवा इंजीनियर हमारी रक्षा प्रौद्योगिकी की रीढ़ हैं। उनकी कमी हमें महसूस होगी।”
यह घटना तब हुई है जब लखनऊ का ब्रह्मोस संयंत्र राष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभर रहा है। मई 2025 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उद्घाटित इस इकाई ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे अभियानों में ब्रह्मोस की भूमिका को रेखांकित किया था। संयंत्र की स्थापना 80 एकड़ भूमि पर 300 करोड़ रुपये की लागत से की गई है, जो एयरोस्पेस तकनीक के क्षेत्र में नई संभावनाएं खोल रहा है।
आकाशदीप के निधन पर DRDO और ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड ने शोक व्यक्त किया है। अंतिम संस्कार की तैयारियां चल रही हैं, और विभागीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी। पुलिस ने प्रारंभिक रिपोर्ट दर्ज कर ली है, लेकिन संदिग्ध परिस्थितियों की कोई आशंका नहीं जताई गई है।
यह दुखद घटना युवा इंजीनियरों के स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता को रेखांकित करती है, खासकर उच्च दबाव वाले रक्षा प्रोजेक्ट्स में कार्यरत कर्मियों के लिए। अधिक जानकारी के लिए DRDO की आधिकारिक वेबसाइट या स्थानीय पुलिस से संपर्क किया जा सकता है।

