मथुरा जंक्शन यार्ड के पास परिवर्तन मोड़ा मृत्तवर में फ्लाईओवर निर्माण हेतु मौजा कोटा की अधिग्रहित की जा रही भूमि को लेकर भूमि स्वामियों ने कई गंभीर आपत्तियाँ दर्ज कराई हैं। संबंधित विभाग पर बिना उचित सहमति और न्यायोचित मुआवजे के जबरन भूमि अधिग्रहण का आरोप लगाया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, भूमि अर्जन की प्रक्रिया में विभाग द्वारा भूमि स्वामियों की न तो मौखिक और न ही लिखित सहमति प्राप्त की गई है। जबकि प्रयागराज उच्च न्यायालय के विभिन्न आदेशों में यह स्पष्ट किया गया है कि अधिग्रहण के लिए भूमि मालिकों की सहमति आवश्यक है।

भूमि स्वामियों की मुख्य आपत्तियाँ निम्नलिखित हैं:

  1. अनुपयोगी भूमि के लिए कोई योजना नहीं – भूमि अर्जन के बाद जो छोटी-छोटी भूमि शेष रह जाती हैं, उनके लिए कोई प्रबंधन नहीं किया गया है, जिससे उसका कोई व्यावहारिक उपयोग नहीं हो पा रहा है।
  2. मुआवजे में भारी विसंगति – विभाग द्वारा अधिग्रहण की गई भूमि के लिए जो मुआवजा दर (1430 रुपए/वर्गमीटर) तय की गई है, वह मौजूदा बाजार दर (लगभग 15,000 रुपए/वर्गमीटर) से काफी कम है। जबकि मौजा कोटा नगर निगम सीमा में स्थित है, जहाँ न्यूनतम सरकारी दर 7500 से 8300 रुपए/वर्गमीटर है और इसी दर पर रजिस्ट्री हो रही है।
  3. जबरन कब्जा और सहमति की अनदेखी – भूमि स्वामियों की सहमति के बिना जबरन जमीन पर कब्जा किए जाने की आशंका व्यक्त की गई है, जिससे टकराव और विरोध प्रदर्शन की संभावना बन रही है।
  4. अवैध तरीके से मूल्य निर्धारण – विभाग द्वारा अपने ही नियमों की अनदेखी करते हुए मुआवजे का निर्धारण किया गया है। भूमि शहरी क्षेत्र में स्थित होने के बावजूद इसे ग्रामीण दर पर आंका गया है।
  5. पंजीयन के रिकॉर्ड से विसंगति उजागर – जिन खसरा संख्याओं की भूमि ली जा रही है, उनकी पूर्व रजिस्ट्री 7500-8300 रुपए/वर्गमीटर के दर पर की गई है, लेकिन अधिग्रहण मुआवजा सिर्फ 1430 रुपए/वर्गमीटर तय किया गया है।

भूमि स्वामियों ने जिला प्रशासन से अनुरोध किया है कि सभी अनियमितताओं की जांच कराकर उचित दर पर मुआवजा सुनिश्चित किया जाए और भूमि अधिग्रहण के लिए सभी भूमि स्वामियों की स्पष्ट सहमति ली जाए।

राहुल गौड एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में कार्य करने का 10 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उत्तर प्रदेश के जनपद मथुरा में सक्रिय रहते हुए उन्होंने विभिन्न समाचार माध्यमों के लिए निष्पक्ष और प्रभावशाली रिपोर्टिंग की है। उनके कार्य में स्थानीय मुद्दों की गंभीर समझ और जनसरोकार से जुड़ी पत्रकारिता की झलक मिलती है।

Exit mobile version