📍समाचार सार :
अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर नवंबर माह में 161 फीट ऊँचा रामध्वज फहराया जाएगा। इस ऐतिहासिक आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि होंगे। ध्वज पताका को वैदिक मंत्रोच्चार और विशेष पूजा विधियों के बीच शिखर पर स्थापित किया जाएगा। समारोह में देश-विदेश के संत, धर्माचार्य और हजारों राम भक्त शामिल होंगे। आयोजन की संभावित तिथियां 16 और 25 नवंबर बताई जा रही हैं। राम मंदिर ट्रस्ट तैयारियों में जुटा है और सुरक्षा सहित अतिथियों के आवास के विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। यह आयोजन अयोध्या की आध्यात्मिक गरिमा को विश्व पटल पर और अधिक प्रतिष्ठित करेगा।

🔸 रिपोर्ट: देव बक्श वर्मा

अयोध्या। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या एक बार फिर ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने जा रही है। नवंबर माह में शुभ मुहूर्त पर राम मंदिर के 161 फीट ऊंचे शिखर पर रामध्वज फहराने की तैयारियां जोरों पर हैं। इस भव्य आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।

ध्वजारोहण समारोह वैदिक मंत्रोच्चार, संगीत, और विशेष पूजा विधियों के बीच संपन्न होगा। यह आयोजन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में होने वाला तीसरा बड़ा महोत्सव होगा, जो एक बार फिर राम भक्तों को भक्तिभाव में डुबो देगा।

ध्वज पताका का अर्थ और महत्व

राम मंदिर शिखर पर फहराया जाने वाला यह ध्वजदंड केवल प्रतीकात्मक अनुष्ठान नहीं होगा, बल्कि यह मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की विजय और धर्म की प्रतिष्ठा का उद्घोष करेगा। इसके साथ ही मंदिर परिसर के अन्य सभी शिखरों पर भी ध्वज फहराए जाएंगे।

विशाल समारोह की तैयारी

राम मंदिर ट्रस्ट देश-विदेश से आने वाले संतों, धर्माचार्यों, गणमान्य अतिथियों और हजारों राम भक्तों की सूची तैयार कर रहा है। अयोध्या के प्रमुख होटल, धर्मशालाओं और गेस्ट हाउसों में अतिथियों के लिए विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जिला और पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर हैं।

संभावित तिथि

ज्योतिषाचार्यों द्वारा नवंबर माह में दो शुभ तिथियां निकाली गई हैं – 16 नवंबर और 25 नवंबर। जल्द ही इनमें से किसी एक तिथि पर अंतिम मुहर लग सकती है।

भक्ति, संगीत और संस्कृति का संगम

समारोह में देश के कई प्रख्यात संगीतज्ञ और कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से भव्यता में चार चांद लगाएंगे। इसके अलावा, रामकथा और वैदिक अनुष्ठानों का आयोजन भी किया जाएगा, जिससे यह आयोजन एक ऐतिहासिक अध्याय के रूप में दर्ज होगा।

🚩 रामध्वज फहराने के बाद अयोध्या एक बार फिर विश्व मानचित्र पर अपनी आध्यात्मिक गरिमा के साथ स्थापित होगी। यह आयोजन केवल एक शहर का पर्व नहीं, बल्कि संपूर्ण भारतवर्ष के लिए गौरव का क्षण होगा।


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