आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के थाना किरावली क्षेत्र में आगरा-जयपुर नेशनल हाइवे पर सोमवार दोपहर एक सड़क हादसे ने पूरे इलाके को सदमे में डाल दिया। तहसील परिसर के नजदीक सड़क पार कर रही एक निर्दोष महिला को राजस्थान नंबर की तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर की तीव्रता इतनी थी कि महिला सड़क पर कई मीटर तक घसीटती चली गई, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई। राहगीरों और पुलिस की तत्काल मदद से घायल महिला को एसएन मेडिकल कॉलेज, आगरा ले जाया गया, लेकिन उपचार के दौरान उसकी सांसें थम गईं।

परिवार में कोहराम मच गया है। मृतका की पहचान 45 वर्षीय सुनीता देवी के रूप में हुई है, जो नजदीकी गांव की रहने वाली थीं। उनके पति रामकिशोर (48 वर्ष), दो बेटे और एक बेटी के साथ रहते थे। रामकिशोर मजदूरी करते हैं, जबकि सुनीता घरेलू कामकाज के साथ-साथ पड़ोसियों की मदद में हमेशा आगे रहती थीं। घटना की खबर मिलते ही परिजन अस्पताल पहुंचे, जहां मां का शव देखते ही सबकी चीखें आसमान छूने लगीं। “मेरी तो दुनिया ही उजड़ गई,” रोते हुए रामकिशोर ने कहा।

हादसे ने उठाए सवाल: ‘पुलिस’ वर्दी में युवक, IPS के परिजनों का कनेक्शन?

हादसे के बाद सबसे बड़ा सवाल उठा तो वह स्कॉर्पियो का। वाहन का नंबर RJ-14-XXXX था, जो राजस्थान रजिस्ट्रेशन का था। गाड़ी के आगे-पीछे ‘POLICE’ की चादरें लटकी हुई थीं, और ड्राइवर सीट पर बैठा युवक यूपी पुलिस की खाकी वर्दी पहने नजर आया। यह देखकर सैकड़ों राहगीरों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं – “क्या यह असली पुलिस वाहन था? या कोई फर्जीवाड़ा?” वीडियो फुटेज वायरल हो चुके हैं, जिसमें गाड़ी की स्पीड 100 किमी/घंटा से ज्यादा बताई जा रही है।

किरावली थाने की पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर स्कॉर्पियो को जब्त कर लिया। प्रारंभिक पूछताछ में ड्राइवर ने खुद को यूपी के ललितपुर जिले में तैनात IPS अधिकारी आशीष कुमार के निजी ड्राइवर बताया। गाड़ी में सवार एक बुजुर्ग दंपति को IPS के माता-पिता होने का शक है, जो ललितपुर से आगरा के किसी रिश्तेदार के यहां आ रहे थे। हालांकि, पुलिस ने अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। एसपी सिटी आगरा ने बताया, “ड्राइवर से गहन पूछताछ चल रही है। ब्लड सैंपल लेकर शराब या नशे की जांच की जा रही है। अगर वर्दी या ‘पुलिस’ चादर का दुरुपयोग पाया गया, तो सख्त कार्रवाई होगी। मृतका के परिवार को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और ड्राइवर के खिलाफ IPC की धारा 304A (लापरवाही से मौत) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।”

सूत्रों के अनुसार, IPS आशीष कुमार 2018 बैच के अधिकारी हैं, जो वर्तमान में ललितपुर में DSP के पद पर तैनात हैं। उनके माता-पिता (उम्र लगभग 65-70 वर्ष) जयपुर से होते हुए आगरा आ रहे थे। ड्राइवर ने कथित तौर पर कहा कि “साहब के पापा को जल्दी पहुंचाना था,” जिस कारण स्पीड अधिक हो गई। लेकिन यह बहाना कितना सही है, जांच में ही सामने आएगा।

स्थानीयों का गुस्सा: “हाइवे पर मौत का तांडव बंद करो!”

यह हादसा आगरा-जयपुर हाइवे पर बढ़ते सड़क कांडों की एक कड़ी है। पिछले छह महीनों में इसी रूट पर 15 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं, ज्यादातर तेज रफ्तार और लापरवाही से। स्थानीय निवासियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है। किरावली तहसील के पास सैकड़ों लोग इकट्ठा होकर नारे लगा रहे हैं: “स्पीड कंट्रोलर लगाओ, नहीं तो हाइवे बंद!” एक ग्रामीण, राकेश शर्मा ने कहा, “हर दिन ऐसी घटनाएं हो रही हैं। कैमरे हैं, लेकिन एक्शन कहां? गरीबों की जान की कीमत क्या?”

ट्रैफिक पुलिस ने हादसे के बाद हाइवे पर चेकिंग बढ़ा दी है। डीआईजी ट्रैफिक आगरा ने ऐलान किया कि अगले 48 घंटों में 50 स्पीड कैमरे लगाए जाएंगे और ओवरस्पीडिंग वाहनों पर 10 गुना जुर्माना लगेगा।

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