मथुरा। जिला प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ अधिवक्ताओं का गुस्सा सोमवार को सड़कों पर फूट पड़ा। एक दिन पूर्व जिला प्रशासन द्वारा अधिवक्ताओं के चेंबर तोड़े जाने से नाराज हजारों अधिवक्ता जिला कलेक्ट्रेट पहुंच गए और जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव कर जमकर नारेबाजी की।अधिवक्ताओं का आरोप है कि बिना किसी पूर्व सूचना और वैकल्पिक व्यवस्था के चेंबर तोड़ना प्रशासन की मनमानी और तानाशाही रवैये को दर्शाता है। उनका कहना है कि वर्षों से स्थापित ये चेंबर केवल उनकी रोज़ी-रोटी का साधन ही नहीं, बल्कि न्याय व्यवस्था की एक अहम कड़ी भी हैं। ऐसे में प्रशासन की अचानक की गई कार्रवाई को अधिवक्ताओं के सम्मान और अधिकारों पर सीधा हमला बताया गया।प्रदर्शन के दौरान अधिवक्ताओं ने जिला प्रशासन पर संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि विकास के नाम पर कानून के रखवालों को ही दरकिनार किया जा रहा है। अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने इस कार्रवाई को वापस नहीं लिया और कोई ठोस समाधान नहीं निकाला, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।कलेक्ट्रेट परिसर में नारेबाजी के चलते काफी देर तक अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। स्थिति को नियंत्रित रखने के लिए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। हालांकि समाचार लिखे जाने तक जिला प्रशासन की ओर से कोई ठोस आश्वासन सामने नहीं आया था।अधिवक्ताओं ने कहा कि जब न्याय के लिए लड़ने वाले स्वयं न्याय मांगने को मजबूर हों, तो यह प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि जिला प्रशासन अधिवक्ताओं की मांगों पर क्या रुख अपनाता है या यह टकराव और गहराता है।

राहुल गौड एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में कार्य करने का 10 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उत्तर प्रदेश के जनपद मथुरा में सक्रिय रहते हुए उन्होंने विभिन्न समाचार माध्यमों के लिए निष्पक्ष और प्रभावशाली रिपोर्टिंग की है। उनके कार्य में स्थानीय मुद्दों की गंभीर समझ और जनसरोकार से जुड़ी पत्रकारिता की झलक मिलती है।

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