आगरा। शहर की दीवानी न्यायालय इन दिनों विवादों और वकीलों के बीच बढ़ती आपसी रंजिशों का केंद्र बन गई है। इसी बीच एक महिला अधिवक्ता ने गुंडागर्दी, फर्जी मुकदमेबाजी और सोशल मीडिया पर बदनाम करने के गंभीर आरोप लगाते हुए न्यायालय की पवित्रता पर सवाल खड़ा किया है।


महिला अधिवक्ता तनीषा शर्मा ने प्रेसवार्ता कर बताया कि न्यायालय परिसर में खुलेआम दबंगई का माहौल है। कुछ अधिवक्ता चैंबर कब्जाने और चौथ वसूली जैसे कृत्यों में लिप्त हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिवक्ता ऋषि राज चौहान और उनकी सहयोगी सोनिया कर्दम इस पूरे षड्यंत्र में शामिल हैं।

चैंबर कब्जाने और धमकी का आरोप

तनीषा शर्मा ने बताया कि 13 अगस्त 2025 को ऋषि राज और सोनिया कर्दम ने उनके चैंबर पर कब्जा करने का प्रयास किया था। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो उन्हें धमकी दी गई कि अगर उन्होंने पुलिस में शिकायत की तो उन्हें झूठे एससी-एसटी मामले में फंसा दिया जाएगा। उसी धमकी के अनुसार बाद में उनके खिलाफ फर्जी एससी-एसटी एक्ट का मामला दर्ज कराया गया।


पुलिस जांच जारी, सोशल मीडिया पर बदनाम करने का आरोप

महिला अधिवक्ता का कहना है कि सभी सबूत और वीडियो पुलिस प्रशासन को सौंपे जा चुके हैं। मामला वर्तमान में हरिपर्वत थाने के एसएचओ की देखरेख में जांचाधीन है। उन्होंने आरोप लगाया कि सोनिया कर्दम ने सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ झूठे और भ्रामक वीडियो पोस्ट कर उन्हें जातिसूचक शब्दों के प्रयोग का आरोपी ठहराया, जिससे उनकी छवि धूमिल हुई है।

“अगर न्यायालय परिसर में असुरक्षित हूं, तो सड़क पर महिलाएं कैसे सुरक्षित?”


आहत स्वर में तनीषा शर्मा ने कहा, “जब न्यायालय जैसी सबसे सुरक्षित जगह पर महिला अधिवक्ता पर हमले और साजिशें हो रही हैं, तो बाहर आम महिलाएं कैसे सुरक्षित होंगी? यह सरकार और प्रशासन के लिए एक यक्ष प्रश्न है।”

प्रार्थना पत्र देकर सुरक्षा की मांग

पीड़िता ने पुलिस अधिकारियों को प्रार्थना पत्र सौंपकर अपनी जान-माल की सुरक्षा और आरोपियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

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