मथुरा। यूपी के मथुरा जिले के बलदेव क्षेत्र में मंगलवार तड़के यमुना एक्सप्रेस-वे पर घने कोहरे के बीच हुए भीषण सड़क हादसे ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। सुबह करीब 4:30 बजे माइल स्टोन-127 के पास दृश्यता बेहद कम होने के कारण एक के बाद एक वाहनों की टक्कर होती चली गई। हादसे में सात बसें और तीन कारें आपस में भिड़ गईं, जिसके बाद कई वाहनों में भीषण आग लग गई। इस दर्दनाक दुर्घटना में अब तक 13 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 100 से अधिक यात्री घायल बताए जा रहे हैं।
हादसे के बाद का मंजर बेहद भयावह था। आग इतनी तेज थी कि कई यात्रियों को संभलने और बाहर निकलने तक का मौका नहीं मिल सका। जली हुई बसों से कंकाल, खोपड़ियां और अधजली लाशें निकाले जाने का दृश्य देखकर मौके पर मौजूद लोगों का कलेजा कांप उठा। कुछ शव बसों की सीटों से चिपके हुए मिले। आग की तपिश से एक्सप्रेस-वे की सफेद लेन मार्किंग तक पिघल गई। पुलिस ने सभी शवों को बसों से बाहर निकालकर 17 बॉडी बैग में पोस्टमार्टम हाउस भिजवाया है।
डीएम का बयान
जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने हादसे को लेकर बताया कि यह दुर्घटना यमुना एक्सप्रेस-वे पर माइल स्टोन-127 के पास घने कोहरे और कम दृश्यता के कारण हुई। कई वाहन आपस में टकरा गए और टक्कर के बाद उनमें आग लग गई। डीएम ने कहा, “घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और दमकल की टीमें मौके पर पहुंच गई थीं। राहत और बचाव कार्य को प्राथमिकता के आधार पर अंजाम दिया गया। घायलों को तत्काल नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और उनकी स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। मृतकों के परिजनों को हर संभव सहायता दी जाएगी।”
चीख-पुकार और अफरा-तफरी का माहौल
हादसे के बाद घटनास्थल पर कोहराम मच गया। अपनों को खोने वालों की चीखें, एंबुलेंस के सायरन और घायलों को तलाशते परिजनों की बदहवासी ने माहौल को और भी दिल दहला देने वाला बना दिया। कई यात्री गंभीर रूप से झुलसे हुए हालत में मदद की गुहार लगाते नजर आए।
राहत और बचाव कार्य
सूचना मिलते ही पुलिस, प्रशासन और राहत टीमें मौके पर पहुंच गईं। करीब 14 एंबुलेंस घायलों को अस्पताल पहुंचाने में जुटीं रहीं। 11 दमकल गाड़ियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। पानी की कमी न हो, इसके लिए टोल प्लाजा के पास ही टैंकरों की व्यवस्था की गई थी। बाद में हाइड्रा मशीनों की मदद से जली हुई बसों और कारों को एक्सप्रेस-वे से हटाया गया।
शिनाख्त में मुश्किल, डीएनए जांच का सहारा
हादसे में मारे गए 13 लोगों में से अब तक केवल तीन शवों की ही शिनाख्त हो सकी है। अधिकांश शव इतनी बुरी तरह जल चुके हैं कि पहचान कर पाना मुश्किल हो रहा है। प्रशासन ने शेष शवों की पहचान के लिए डीएनए जांच कराने का निर्णय लिया है।
हेल्पलाइन नंबर जारी
जिला प्रशासन ने हादसे से जुड़ी जानकारी और सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं—
अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) डॉ. पंकज कुमार वर्मा: 9454417583
एसपी ग्रामीण सुरेश चंद्र रावत: 9454401103
मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का तत्काल संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है, साथ ही घायलों को बेहतर से बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं।
- रिपोर्ट – राहुल गौड़

