रिपोर्ट🔹मुहम्मद इस्माइल

कागारौल/आगरा। कागारौल थाना क्षेत्र में दो पत्रकारों पर झूठे मुकदमे दर्ज किए जाने की घटना ने पत्रकारिता जगत में हड़कंप मचा दिया है। ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन ने इस कार्यवाही को स्वतंत्र पत्रकारिता के विरुद्ध सुनियोजित साजिश करार देते हुए प्रशासन को तीव्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

विद्युत विभाग में कार्यरत संविदा कर्मी नरेन्द्र इंदोलिया पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा गया है कि उन्होंने स्थानांतरण से आहत होकर पत्रकारों के खिलाफ फर्जी मामला दर्ज कराया। आरोप है कि उक्त पत्रकारों ने बिजली विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और लापरवाही पर रिपोर्टिंग की थी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।

शुक्रवार को एक निजी स्कूल में एसोसिएशन की आपात बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता जिलाध्यक्ष विष्णु सिकरवार ने की। बैठक में दर्जनों पत्रकारों ने भाग लिया और इस कार्रवाई को लोकतंत्र की रीढ़ पत्रकारिता पर सीधा हमला बताया।

एसोसिएशन की मांगें:

फर्जी मुकदमों की निष्पक्ष जांच कराई जाए

• मुकदमे तुरंत वापस लिए जाएं

• स्वतंत्र पत्रकारिता की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं

• कागारौल थाना प्रशासन की भूमिका पर भी हो जांच


जिलाध्यक्ष का बयान:

ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन आगरा इकाई के जिलाध्यक्ष विष्णु सिकरवार ने अपने वक्तव्य में कहा-

“यदि पत्रकारों को सत्य लिखने की सजा दी जाएगी, तो यह पूरे समाज के लिए बेहद खतरनाक संकेत है।”


एसोसिएशन ने स्पष्ट किया कि यदि प्रशासन ने जल्द सुनवाई नहीं की, तो यह आंदोलन जिला से प्रदेश स्तर तक जाएगा। लोकतंत्र की रक्षा के लिए पत्रकार अब चुप नहीं बैठेंगे।


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