नगीना। नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने समान काम के लिए समान वेतन की मांग को लेकर जोरदार आवाज उठाई है। उन्होंने कहा कि जब काम एक जैसा है, तो संविदाकर्मियों को स्थायी कर्मचारियों की तुलना में कम वेतन और सम्मान क्यों दिया जा रहा है? सांसद ने इस मुद्दे को संविधान के अनुच्छेद 14, 16 और 39(d) के उल्लंघन से जोड़ा, जो प्रत्येक नागरिक को सरकारी नौकरियों में समान अवसर और समान कार्य के लिए समान वेतन का अधिकार प्रदान करते हैं।

चंद्रशेखर ने सवाल उठाया, “जब संविधान में स्पष्ट प्रावधान हैं, तो यह अन्याय क्यों? संविदाकर्मी उसी मेहनत और जिम्मेदारी के साथ काम करते हैं, फिर भी उन्हें कम वेतन और सुविधाओं से वंचित रखा जाता है।” उन्होंने सरकार से इस भेदभाव को खत्म करने और सभी कर्मचारियों को समान अधिकार देने की मांग की है।

यह मुद्दा न केवल संविदाकर्मियों की आर्थिक स्थिति को प्रभावित करता है, बल्कि कार्यस्थल पर सम्मान और समानता के सिद्धांत को भी चुनौती देता है। सांसद की यह मांग देशभर में लाखों संविदाकर्मियों के लिए उम्मीद की किरण बन सकती है।

आपके विचार: क्या समान काम के लिए समान वेतन का अधिकार हर कर्मचारी का हक है? अपनी राय कमेंट में साझा करें!

रिपोर्ट -नेहा श्रीवास मंडल ब्यूरोचीफ, झांसी

"गांव से शहर तक, गलियों से सड़क तक- आपके इलाके की हर धड़कन को सुनता है "जिला नजर" न्यूज़ नेटवर्क: नजरिया सच का

Exit mobile version