लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 72 जिलों के जिलाधिकारी (DM) और उप जिलाधिकारी (SDM) के तबादलों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। यह रोक आगामी 30 दिसंबर तक लागू रहेगी। अब किसी भी अधिकारी का तबादला चुनाव आयोग की पूर्व अनुमति के बिना नहीं किया जा सकेगा।

चुनाव आयोग ने यह कदम विधान परिषद की 11 सीटों के मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान को ध्यान में रखते हुए उठाया है। आयोग ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इस अवधि में संबंधित सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के स्थानांतरण पर प्रतिबंध रहेगा।

इस आदेश के दायरे में मेरठ, आगरा, वाराणसी, लखनऊ, झांसी, बरेली और गोरखपुर के मंडलायुक्त भी शामिल हैं, जिन्हें निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई है।

गौरतलब है कि खंड स्नातक के 5 निर्वाचन क्षेत्रों — लखनऊ, वाराणसी, आगरा, मेरठ और इलाहाबाद-झांसी — की मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण का कार्य 30 सितंबर से प्रारंभ हो चुका है। इसी के साथ खंड शिक्षक के 6 निर्वाचन क्षेत्रों — लखनऊ, वाराणसी, आगरा, मेरठ, बरेली-मुरादाबाद और गोरखपुर-फैजाबाद — की मतदाता सूचियों को भी नए सिरे से तैयार किया जा रहा है।

इन मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन 30 दिसंबर 2025 को किया जाएगा। यह प्रक्रिया कानपुर नगर, कानपुर देहात और उन्नाव को छोड़कर सभी जिलों में चल रही है।

चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार, इन निर्वाचन क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले सभी विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (एसडीएम, एसीएम, बीडीओ, ईओ व तहसीलदार) भी इस अभियान में सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के रूप में तैनात किए गए हैं।

इसलिए आयोग ने स्पष्ट किया है कि 30 दिसंबर तक इन अधिकारियों के तबादलों पर पूर्ण रोक रहेगी और किसी भी प्रकार के स्थानांतरण के लिए पूर्व अनुमति अनिवार्य होगी।

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