नई दिल्ली। देश की राजधानी को दहला देने वाले लाल किला धमाके में नित नए खुलासे हो रहे हैं। सोमवार शाम 6:52 बजे लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास रेड लाइट पर खड़ी एक आई20 कार में यह धमाका हुआ था। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि इसका असर करीब 200 मीटर तक महसूस किया गया। जांच में स्पष्ट हुआ है कि यह कोई सामान्य हादसा नहीं, बल्कि एक फिदायीन हमला था, जिसे कश्मीर से आए डॉक्टर-आतंकी उमर मोहम्मद ने अंजाम दिया।
10 घंटे में रची गई थी राजधानी को दहलाने की साजिश
पुलिस जांच में सामने आया है कि ब्लास्ट वाली I20 कार सुबह 08:13 बजे बदरपुर टोल बूथ से दिल्ली में दाखिल हुई थी। 08:20 बजे कार ओखला इंडस्ट्रियल एरिया के पास एक पेट्रोल पंप पर दिखाई दी। 03:19 बजे कार लाल किले की पार्किंग में दाखिल हुई। 06:28 बजे – कार पार्किंग से बाहर निकली। पूरे तीन घंटे 09 मिनट तक कार पार्किंग में खड़ी रही, इस दौरान ड्राइवर एक पल को भी बाहर नहीं निकला।
धमाका लाल किले से ठीक 200 मीटर की दूरी पर हुआ। विस्फोट के 10 मिनट के भीतर दिल्ली पुलिस, एनएसजी, एनआईए की टीमें मौके पर पहुंच गईं थीं।
कार की जांच से खुला आतंकी नेटवर्क का पूरा जाल
जांच एजेंसियों ने सबसे पहले घटनास्थल से फॉरेसिक सैंपल एकत्र किए। कार के रूट की गहन जांच में खुलासा हुआ कि वाहन बदरपुर बॉर्डर से दाखिल हुआ, आश्रम, सराय काले खां और आईटीओ होते हुए लाल किले की पार्किंग तक पहुंचा।
पता चला कि कार मूल रूप से गुरुग्राम निवासी सलमान के नाम पर थी, जिसने इसे ओखला निवासी देवेंद्र को बेचा। देवेंद्र ने गाड़ी अम्बाला के एक व्यक्ति को ट्रांसफर की, जिसने इसे पुलवामा के आमिर, तारिक और उमर राशिद को दिया।
जम्मू-कश्मीर पुलिस की जांच में यह सामने आया है कि पुलवामा निवासी आमिर ने यह कार उमर मोहम्मद को दी, जिसे इस पूरे फिदायीन हमले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है।
डॉक्टर से जिहादी बना डॉ. उमर मोहम्मद भट
इस भीषण विस्फोट के मास्टरमाइंड माने जा रहे उमर मोहम्मद का पूरा नाम डॉ. उमर मोहम्मद भट है। उसके पिता का नाम जी. नबी भट है जबकि वह कोइल, पुलवामा (जम्मू-कश्मीर) का मूल निवासी है। जन्म: 24 फरवरी 1989 को जन्मा डॊ. उमर वर्तमान में अल फलाह मेडिकल कॊलेज, फरीदाबाद में कार्यरत था। उसने एम.डी. (मेडिसिन), जीएमसी श्रीनगर से किया। वह जीएमसी अनंतनाग में सीनियर रेजिडेंट के पद पर भी काम कर चुका है।
जांच में सामने आया है कि उमर फरीदाबाद में डॉक्टर अदील का बेहद करीबी था। दोनों एक टेलीग्राम चैनल पर सक्रिय थे, जो रेडिकल डॉक्टर ग्रुप के रूप में जाना जाता है।
फरीदाबाद मॉड्यूल से जुड़ा जैश-ए-मोहम्मद का आतंक नेटवर्क
जैश-ए-मोहम्मद के इस मॉड्यूल से अब तक 7 संदिग्ध गिरफ्तार हो चुके हैं, जिनमें एक महिला डॉक्टर शाहीना भी शामिल है। डॉ. शाहीना को जैश के महिला विंग ‘जमात उल मोमिनात’ की भारत शाखा का नेतृत्व सौंपा गया था। यह संगठन सादिया अजहर के सीधे संपर्क में था, जो पाकिस्तान में जैश की महिला विंग की प्रमुख और कंधार हाईजैक मास्टरमाइंड यूसुफ अजहर की पत्नी है।
डीएनए रिपोर्ट करेगी मास्टरमाइंड की पहचान की पुष्टि
ब्लास्ट साइट से शव के टुकड़े और एक हाथ का हिस्सा बरामद किया गया है। फॉरेसिक जांच में माना जा रहा है कि शव उमर मोहम्मद का ही है। डीएनए टेस्ट से इसकी पुष्टि की जाएगी।
दिल्ली पुलिस और एनआईए अब कई संदिग्धों से पूछताछ कर रही है। फिलहाल इनमें से किसी का सीधा ब्लास्ट कनेक्शन नहीं मिला, लेकिन आतंकी फंडिंग और नेटवर्क को लेकर महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं।

