फतेहाबाद/आगरा: थाना बमरौली कटारा पुलिस ने एक बड़े साइबर फ्राड गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन युवकों को गिरफ्तार किया है। यह गैंग टेलीग्राम और इंस्टाग्राम पर विभिन्न नामों से आईडी बनाकर लोगों को ऑनलाइन ट्रेडिंग में मोटा मुनाफा देने का झांसा देकर लाखों रुपये हड़प रहा था। शुक्रवार शाम गश्त के दौरान मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने रमाडा कट के पास खड़ी काली स्कॉर्पियो के पास खड़े संदिग्ध युवकों को रंगे हाथ दबोच लिया।
पुलिस के अनुसार पूछताछ में युवकों ने अपने नाम पीयूष वर्मा निवासी नगला ताल बमरौली कटारा, मनीष वर्मा निवासी कुर्मीन पुरवा थाना निगासन लखीमपुर खीरी और संजय वर्मा निवासी लायकपुरा थाना निबोहरा बताए। तीनों ने स्वीकार किया कि वे ‘एप्पल चाइनीज’ नाम से एक फर्जी कम्पनी संचालित कर रहे थे, जिसका न कोई रजिस्ट्रेशन है और न ही किसी सरकारी पोर्टल पर अस्तित्व। वे सोशल मीडिया पर
आइडी/चैनल बनाकर निवेशकों को कई गुना लाभ का लालच देते थे और निवेश मिलते ही आईडी बंद कर फरार हो जाते थे।
थानाध्यक्ष बमरौली कटारा हरीश शर्मा ने बताया कि गिरोह भोले-भाले लोगों से कमीशन के बदले बैंक खाते, आधार और सिम लेकर ‘किट’ तैयार करता था। इन खातों की पासबुक और एटीएम मंगवाने के बाद चाइना आधारित एजेंट के माध्यम से साइबर फ्राड किया जाता था। आरोपियों ने कबूला कि हाल ही में 21 से 23 नवंबर के बीच करीब 3.50 लाख रुपये पीयूष वर्मा के खाते में ट्रांसफर कर एचडीएफसी एटीएम, कलाल खेरिया से निकाले गए थे।
मोबाइल जांच में टेलीग्राम पर ‘एप्पल’ नाम की आईडी, विदेशी नंबर, चाइना एजेंट के साथ चैट, साइबर फ्राड लिंक और कई ट्रांजैक्शन के स्क्रीनशॉट मिले। पुलिस ने सभी इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को सुरक्षित कर साक्ष्य अधिनियम के तहत प्रमाणित किया।
एनसीआरबी पोर्टल की जांच में खुलासा हुआ कि पीयूष वर्मा और मनीष वर्मा के बैंक खातों पर देशभर के अलग-अलग राज्यों—असम, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तराखंड—की कुल 10 साइबर धोखाधड़ी शिकायतें दर्ज हैं। बरामद स्कॉर्पियो भी पीयूष वर्मा के नाम पर पाई गई, जिसे पुलिस ने धारा 207 MV Act में सीज कर दिया।
पुलिस ने तीनों आरोपियों और बाल अपचारी को विभिन्न धाराओं में गिरफ्तार कर थाने लाया गया। पुलिस टीम में उ0नि विश्वजीत राणा, कुलदीप कुमार, आकाशदीप सहित अन्य पुलिसकर्मी शामिल रहे।
- रिपोर्ट – सुशील गुप्ता

