नई दिल्ली/उन्नाव: दिल्ली हाईकोर्ट के 23 दिसंबर के फैसले से उन्नाव रेप केस फिर सुर्खियों में है। निष्कासित भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा अपील लंबित रहते निलंबित कर दी गई और सशर्त जमानत दे दी गई। कोर्ट ने कहा कि सेंगर ने पहले ही 7 साल 5 महीने जेल काट ली है, जो POCSO एक्ट की न्यूनतम सजा से ज्यादा है।

हालांकि, पीड़िता के पिता की कस्टोडियल डेथ के अलग केस में 10 साल की सजा बाकी होने से सेंगर फिलहाल जेल से बाहर नहीं आएंगे। शर्तों में शामिल है – पीड़िता के घर से 5 किमी दूर रहना, धमकी न देना और 15 लाख का बॉन्ड।

पीड़िता का भावुक बयान: “यह फैसला देश की बेटियों को डरा रहा है। सेंगर और उनका परिवार मुझे फूलन देवी बनने पर मजबूर कर रहे हैं।”

पीड़िता ने निर्भया केस का हवाला देते हुए सेंगर को फांसी की मांग की। उन्होंने कहा, “आखिरी सांस तक लड़ूंगी, आत्महत्या नहीं करूंगी। लेकिन अगर न्याय नहीं मिला तो स्थिति मुझे फूलन देवी जैसा रास्ता अपनाने पर मजबूर कर देगी।” उन्होंने 2027 विधानसभा चुनाव में सेंगर की पत्नी को टिकट मिलने की आशंका भी जताई।

विपक्ष ने फैसले को ‘न्याय के साथ समझौता’ बताया। CBI ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की है, जिसकी सुनवाई आज (29 दिसंबर) हो सकती है। पीड़िता भी SC जा रही हैं।

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