आगरा। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आगरा दौरे के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस की कार्यशैली को लेकर गंभीर शिकायतें दर्ज कीं। पार्टी कार्यालय पर फीडबैक लेने के दौरान कार्यकर्ताओं ने बताया कि आगरा पुलिस कमिश्नरेट में थानों के स्तर पर पुलिस निरंकुश हो चुकी है। दलाल प्रवृत्ति के लोग थानों में हावी हैं और आम जनता के साथ-साथ भाजपा कार्यकर्ताओं की भी सुनवाई नहीं हो रही। इस स्थिति ने कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ दिया है, जिससे डिप्टी सीएम भी चिंतित नजर आए। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को सुधार के लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए।

पुलिस की कार्यशैली से पार्टी की छवि को नुकसान

भाजपा कार्यकर्ताओं ने डिप्टी सीएम को बताया कि थानों में भ्रष्टाचार और दलाली चरम पर है। कई थानों में पीड़ितों की शिकायतें दर्ज नहीं की जातीं और उन्हें टरकाया जाता है। कार्यकर्ताओं ने चिंता जताई कि ऐसी स्थिति में आगामी चुनावों में जनता से वोट मांगना मुश्किल हो जाएगा। पुलिस की कार्यशैली से पार्टी की छवि को गंभीर नुकसान हो रहा है।

पुलिस की निष्क्रियता के उदाहरण

ताजगंज थाना: एक पिता ने अपनी गुमशुदा बेटी के लिए 22 दिन तक थाने के चक्कर लगाए, लेकिन पुलिस ने केवल साधारण गुमशुदगी दर्ज कर कोई कार्रवाई नहीं की। पिता ने मतांतरण की आशंका जताई थी, लेकिन पुलिस तब तक सक्रिय नहीं हुई जब तक पिता ने प्रभारी मंत्री जयवीर सिंह से शिकायत नहीं की।

ट्रांस-यमुना थाना: एक मुंशी की पर्स चोरी की शिकायत पर आठ दिन तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई। एक अन्य मामले में पीड़ित को बिना सूचित किए एफआर लगा दी गई। जब पीड़िता ने शिकायत की तो उसका पुलिसकर्मियों से विवाद हो गया, जिसमें दोनों पक्षों की गलती सामने आई। पीड़िता का शांति भंग में चालान कर दिया गया, लेकिन दोषी पुलिसकर्मियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

खेरागढ़ थाना: थानाध्यक्ष सौरभ सिंह द्वारा एक दंगल के दौरान लोगों पर लात मारने का वीडियो वायरल हुआ, लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।

डौकी थाना: विधायक छोटेलाल वर्मा ने थानाध्यक्ष की कार्यशैली की शिकायत की और उन्हें हटाने की मांग की, लेकिन कोई बदलाव नहीं हुआ। अधिवक्ताओं ने भी थानाध्यक्ष पर मारपीट और फर्जी मुकदमा दर्ज करने का आरोप लगाते हुए तीन दिन तक हड़ताल की।

अपराध और ट्रैफिक की बदहाल स्थिति

आगरा में सुबह-सुबह लूट की घटनाएं आम हो गई हैं। ताजगंज थाना क्षेत्र में दो महीने में दो चेन लूट की घटनाएं और खंदौली में हाल ही में एक लूट की वारदात सामने आई है। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था भी चरमराई हुई है। पांच मिनट का सफर आधे घंटे में तय हो रहा है। ट्रैफिक सुधार के लिए आदेश तो दिए गए, लेकिन धरातल पर कोई बदलाव नहीं दिखता। डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने हाल ही में न्यू आगरा थाने के तीन दरोगाओं को ड्यूटी पर अनुपस्थित पाए जाने पर निलंबित किया था।

डीजीपी की चेतावनी

पिछले दिनों डीजीपी राजीव कृष्ण ने भी आगरा सहित प्रदेश के छह शहरों की पुलिस व्यवस्था को खराब बताया था। उन्होंने कहा था कि आगरा पुलिस के खिलाफ सबसे ज्यादा शिकायतें मिल रही हैं। शायद यही वजह रही कि डिप्टी सीएम के सामने कार्यकर्ताओं का गुस्सा और दर्द खुलकर सामने आया।

क्या होगा सुधार?

डिप्टी सीएम के निर्देशों के बाद अब सभी की नजर इस बात पर है कि आगरा पुलिस कमिश्नरेट में सुधार दिखेगा या नहीं। कार्यकर्ताओं और जनता की शिकायतों को देखते हुए पुलिस प्रशासन पर कार्रवाई का दबाव बढ़ गया है।

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