आगरा। जीएसटी विभाग ने शहर में 13.05 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) घोटाले का पर्दाफाश किया है। जांच  में सामने आया कि मैसर्स जगदीश जी ट्रेडर्स नाम की फर्म पूरी तरह अस्तित्वहीन है और इसके नाम पर करोड़ों का बोगस ITC क्लेम कर टैक्स चोरी की गई। हैरानी की बात यह है कि इस फर्म का रजिस्ट्रेशन पहले ही निरस्त किया जा चुका था, फिर भी दस्तावेजों के माध्यम से लेन-देन दिखाकर फर्जी लाभ उठाया गया।

जीएसटी अधिकारियों ने विस्तृत जांच  के बाद पाया कि फर्म ने न तो वास्तविक खरीद की, न बिक्री, बल्कि कागजों पर फर्जी इनवॉइस जनरेट कर करोड़ों रुपये की टैक्स क्रेडिट की हेराफेरी की। विभाग ने इसे एक सुनियोजित वित्तीय धोखाधड़ी मानते हुए संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

जांच में यह भी सामने आया कि फर्म का न तो कोई वैध व्यवसायिक स्थान है, न गोदाम, न स्टॉक, और न ही किसी प्रकार की वास्तविक व्यापारिक गतिविधि। सभी दस्तावेज और लेन-देन कागजी और जाली पाए गए।

विभाग अब यह पता लगाने में जुटा है कि इस बोगस फर्म का संचालन किसने और किनकी सहायता से किया। साथ ही, जिन फर्मों ने इस अस्तित्वहीन इकाई से ITC लिया है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी चल रही है। कर विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई की जाएगी और टैक्स चोरी करने वालों पर आर्थिक दंड के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई भी तय है।

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