आगरा। आगरा की लाइफ़लाइन मानी जाने वाली एमजी रोड पर मेट्रो निर्माण ने पहले ही ट्रैफिक व्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। रोज़ाना लगने वाले जाम, टूटे हुए रास्ते और बड़े-बड़े गड्ढों के बीच आज एक और हादसा देखने को मिला।
दोपहर में धाकरन चौराहे के पास बैरिकेडिंग एरिया से बाहर निकले एक लाइट के तार में बाइक का हैंडल फँस गया, जिससे बाइक सवार दो युवक विकास और आलोक सड़क पर गिर पड़े। दोनों को हाथ-पैर में हल्की चोटें आई हैं। हादसे ने एक बार फिर मेट्रो निर्माण में सुरक्षा मानकों की अनदेखी को उजागर कर दिया।
कैसे हुआ हादसा?
धाकरन चौराहे के पास बने मेट्रो कार्य क्षेत्र में बैरिकेडिंग के किनारे एक लाइट का तार बाहर की ओर लटक रहा था। विकास और आलोक जैसे ही अपनी बाइक लेकर वहां से गुजरे, बाइक का हैंडल तार में उलझ गया और दोनों युवक सड़क पर जा गिरे। युवकों ने बताया कि हमने कर्मचारियों से कहा कि तार बाहर निकला हुआ है। उन्होंने कहा कि जेसीबी वाले डाल गए होंगे, हम क्या करें। यह लापरवाही लोगों के लिए खतरा बन रही है।
ट्रैफिक पर 5 वर्षों की मुक्ति, लेकिन फिलहाल मुसीबतें ही मुसीबतें
एमजी रोड पर मेट्रो निर्माण पिछले कई महीनों से चल रहा है। भारी मशीनरी, गड्ढे, टूटे रास्ते और बैरिकेडिंग ने पूरे रूट को बदहाल कर दिया है।
ट्रैफिक की मौजूदा स्थिति
जहां पहले दूरी 15 मिनट में तय हो जाती थी, अब उसी में 45 मिनट लग रहे हैं। सड़क पर जगह-जगह बने गड्ढों से वाहनों का संतुलन बिगड़ रहा है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा लगातार बढ़ रहा है। हर दिन पीक आवर्स हो या नॉर्मल टाइम जाम लगना आम बात बन चुकी है।
आलोक ने कहा कि अगर कभी इमरजेंसी हो गई तो क्या करेंगे? सरकार को मेट्रो बनानी है, यह जनता भी चाहती है, लेकिन यह भी जरूरी है कि सुरक्षा व्यवस्था मजबूत हो।
शहरवासी परेशान, प्रशासन से उम्मीदें
लोगों का कहना है कि मेट्रो निर्माण जरूरी है, लेकिन उसकी आड़ में इस तरह की अव्यवस्था और खतरे किसी भी दिन बड़ी दुर्घटना को जन्म दे सकते हैं। शहरवासियों की मांग है कि बैरिकेडिंग के पास सुरक्षा मानक सख्ती से लागू हों। तार, लोहे की रॉड, कटे रोड के किनारे की ओपनिंग्स तुरंत बंद की जाएं। रात में पर्याप्त लाइटिंग लगाई जाए, ट्रैफिक डायवर्जन को सुचारू तरीके से लागू किया जाए। 5 साल लंबे निर्माण काल में जनता को परेशानी से बचाने के लिए प्रशासन को तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।

