• पत्रकारिता एवं पत्रकारों के मूल्यों की रक्षा में संगठन प्रतिबद्ध- देवेश शर्मा (तहसील अध्यक्ष सदर)
रिपोर्ट 🔹 मुहम्मद इस्माइल
आगरा। पत्रकारिता के लोकतांत्रिक मूल्यों की अलख जगाने वाले ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन की सदर तहसील इकाई का गठन एक गरिमामय बैठक में सम्पन्न हुआ। यह महत्वपूर्ण आयोजन तहसील मुख्यालय पर हुआ, जिसकी अध्यक्षता जिला अध्यक्ष श्री विष्णु सिकरवार ने की, वहीं संचालन का दायित्व जिला उपाध्यक्ष श्री कमल बिहारी मुखिया ने कुशलतापूर्वक निभाया।
कार्यक्रम में वरिष्ठ अतिथियों के रूप में श्री शंकर देव तिवारी एवं श्री श्याम सुंदर पाराशर की गरिमामयी उपस्थिति ने सभा को प्रेरणास्पद बना दिया।
बैठक के दौरान सर्वसम्मति से नई कार्यकारिणी का गठन किया गया, जिसमें निम्नलिखित पत्रकारों को दायित्व सौंपा गया।

• शुभम चौधरी एवं जय सिंह सोलंकी – उपाध्यक्ष
• सोनवीर सिंह चाहर एवं मोहित लवानिया – महामंत्री
• अमन लवानिया एवं देवेश भगोर – मंत्री
• जुगल किशोर – कोषाध्यक्ष
• शेखर पंडित – संगठन मंत्री
• कन्हैया लाल दुबे – प्रचार मंत्री
• योगेंद्र चौधरी – संप्रेक्षक
• संजय प्रजापति, सहदेव शर्मा, एवं बृज किशोर शर्मा – कार्यकारिणी सदस्य
इस सुअवसर पर जिला महामंत्री प्रमेंद्र फौजदार, जिला कोषाध्यक्ष शिवम् सिकरवार, जिला कार्यकारिणी सदस्य चोब सिंह सक्सेना, वरिष्ठ पत्रकार प्रवीन रावत, तथा तहसील अध्यक्ष देवेश शर्मा सहित अनेक पत्रकारगण उपस्थित रहे।
अपने संबोधन में ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन आगरा के जिला अध्यक्ष विष्णु सिकरवार ने नवगठित कार्यकारिणी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि—
“पत्रकार समाज का दर्पण होते हैं। उनकी निष्पक्षता ही लोकतंत्र की आत्मा है। ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन पत्रकारों के हितों की रक्षा के लिए सदैव तत्पर है, और यह नई कार्यकारिणी संगठन में नई ऊर्जा का संचार करेगी।”
वहीं, वरिष्ठ अतिथि श्याम सुंदर पाराशर ने पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ बताते हुए कहा कि—
“पत्रकार को निष्ठा, संयम और साहस के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए। संगठन की एकता ही पत्रकारों की सबसे बड़ी शक्ति है।”
विशिष्ट अतिथि के रुप में पधारे एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शंकर देव तिवारी ने ग्रामीण पत्रकारों की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा—
“गांवों की समस्याएं और आवाज़ को जन-सुनवाई तक पहुंचाना ही सच्ची पत्रकारिता है। संगठन को चाहिए कि वह इन आवाज़ों का सशक्त मंच बने।”
यह बैठक न केवल एक नई कार्यकारिणी के गठन का अवसर थी, बल्कि पत्रकारिता की गरिमा, उत्तरदायित्व और संगठित शक्ति का भी उत्सव बनी। बड़ी संख्या में पत्रकारों की उपस्थिति ने यह स्पष्ट कर दिया कि ग्रामीण पत्रकारिता का भविष्य सशक्त, सजग और संगठित है।
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