आगरा। आगरा जनपद की किरावली पुलिस ने मनरेगा के नाम पर साइबर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों पर ग्रामीणों और रिश्तेदारों को झांसा देकर उनके बैंक खातों से लाखों रुपये निकालने का आरोप है। पुलिस ने इनके कब्जे से 17,650 रुपये नकद, एक पासबुक, एक चेकबुक, एक मोबाइल फोन और एक कार बरामद की है।
मामले में पीड़ित बिहारी लाल ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि उसके मामा-ससुर के लड़के दामोदर सिंह ने फोन कर उसके खाते में मनरेगा के पैसे आने की बात कही थी। इसी बहाने दामोदर ने विश्वास में लेकर उसकी चेकबुक और पासबुक हासिल कर ली और बाद में खाते से करीब 4 से 5 लाख रुपये निकाल लिए।
शिकायत मिलते ही किरावली पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के लिए अलग-अलग टीमें गठित कीं। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने रायभा–रुनकता तिराहा क्षेत्र से दोनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान गिरफ्तार आरोपी देवेश राणा ने खुलासा किया कि उसके साथी अंकित और जीतू उर्फ जितेंद्र सिंह ने उससे साइबर फ्रॉड के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराने को कहा था। करीब 18 से 20 लाख रुपये की ठगी की योजना के तहत देवेश ने दामोदर से संपर्क किया, जिसने अपने रिश्तेदारों और अन्य लोगों के बैंक खाते उपलब्ध कराए।
इन खातों में 4–5 लाख रुपये जमा कराए गए, जिन्हें दामोदर ने निकालकर देवेश को सौंप दिया। देवेश ने बताया कि अंकित और जीतू के निर्देश पर मथुरा स्थित कृष्णा प्लाजा की सीडीएस मशीन के जरिए इन पैसों को “पीईजीईई” नाम से दर्शाए जा रहे अन्य खातों में ट्रांसफर कराया गया। इस पूरे खेल में आरोपियों को कमीशन मिला, जिसमें से 17,650 रुपये बरामद किए गए हैं।
पुलिस ने देवेश को उस समय गिरफ्तार किया, जब वह अपने एक रिश्तेदार की पासबुक और चेकबुक वापस करने जा रहा था। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान देवेश राणा पुत्र प्रताप सिंह निवासी मथुरा और दामोदर सिंह पुत्र रणवीर सिंह निवासी फरह, मथुरा के रूप में हुई है। इस गिरोह में शामिल अंकित और जीतू उर्फ जितेंद्र सिंह फिलहाल फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।
इस सफल कार्रवाई में थाना प्रभारी किरावली नीरज कुमार, साइबर सर्विलांस टीम प्रभारी सौरभ सिंह, नगर जोन सर्विलांस प्रभारी अभिषेक तिवारी, एसओजी प्रभारी सोहन पाल सिंह, सतीश कुमार सोलंकी समेत अन्य पुलिसकर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

