मैनपुरी: बाराबंकी के श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय में छात्रों पर हुए पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में गुरुवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के पदाधिकारियों ने मैनपुरी कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। नारेबाजी के बाद कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। अभाविप ने लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों के निलंबन और विश्वविद्यालय की जांच की मांग की है।

अभाविप के पदाधिकारियों ने ज्ञापन में कहा कि श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय में बिना मान्यता और नवीनीकरण के पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा, विलंब शुल्क के नाम पर छात्रों से अनुचित वसूली की जा रही है। इस अन्याय के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे अभाविप कार्यकर्ताओं और छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें 30 से अधिक छात्र घायल हो गए।

ज्ञापन में यह भी आरोप लगाया गया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने बड़ी मात्रा में जमीन पर अवैध कब्जा किया है। अभाविप ने मांग की है कि लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित किया जाए और विश्वविद्यालय की गतिविधियों की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।

प्रदर्शन में शामिल लोग

प्रदर्शन के दौरान अभाविप के कई कार्यकर्ता मौजूद रहे, जिनमें आकाश चौहान, प्रखर सक्सेना, आयुष सक्सेना, गौरव प्रताप, निभय यादव, अभिषेक सिंह और पंकज कुमार शामिल थे। कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी कर अपनी मांगों को जोरदार तरीके से प्रशासन के सामने रखा।

यह प्रदर्शन बाराबंकी में 1 सितंबर 2025 को हुई घटना के जवाब में किया गया, जब श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय में एलएलबी पाठ्यक्रम की मान्यता और अन्य अनियमितताओं के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों और अभाविप कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। इस घटना में कई छात्र घायल हुए थे, जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने जांच के आदेश दिए और कुछ पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया गया था।

आगे की कार्रवाई

अभाविप ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। मैनपुरी प्रशासन ने ज्ञापन स्वीकार कर लिया है और मामले को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है।

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