केंद्रीय बजट 2025-26 के खिलाफ उठी विरोध की आवाज, जनता के हितों की अनदेखी का आरोप

नई दिल्ली/मथुरा । बजट को लेकर मथुरा के शिक्षक उमाशंकर गौतम का कहना है कि केंद्रीय बजट 2025-26 को लेकर विपक्ष और आम जनता में भारी नाराजगी देखने को मिल रही है।
आलोचकों का कहना है कि यह बजट आम नागरिकों के बजाय बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने वाला है। मध्यम वर्ग पर करों का बोझ बढ़ने से महंगाई और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है, जबकि किसानों के लिए किसी तरह की राहत या न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी का जिक्र तक नहीं किया गया है।
बेरोजगारी की समस्या का समाधान इस बजट में नजर नहीं आता, क्योंकि रोजगार सृजन के लिए कोई ठोस योजना पेश नहीं की गई है। इसके अलावा, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के बजट में कटौती किए जाने से आम जनता को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि राज्यों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता में कमी के कारण विकास कार्य प्रभावित होंगे। इन सभी मुद्दों को लेकर बजट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज हो रहे हैं। विभिन्न संगठनों ने सरकार से इस बजट को संशोधित करने और जनता के हितों को प्राथमिकता देने की मांग की है।
आगे देखना होगा कि सरकार इस विरोध को लेकर क्या रुख अपनाती है और क्या आम जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप कोई संशोधन किया जाता है या नहीं।




