आगरा। ताजनगरी में सुबह से आम्बेडकर जयंती की धूम मची हुई है। शहर में विभिन्न जगहों पर कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। सुबह से आम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण का दौर जारी है।
सुबह सबसे पहले डॉ. भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय में कुलपति प्रोफेसर आशु रानी ने डॉक्टर भीमराव आम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस दौरान कर्मचारी संघ के महामंत्री आनंद टाइटलर सहित कई कर्मचारी मौजूद रहे।
डॉ. टाइटलर ने कहा कि बीआर अंबेडकर उच्चतम शिक्षित, न्यायप्रिय, समानता के समर्थक, समाज सुधारक भी थे। उन्होंने बेखौफ, बेधड़क अपने विचार खुलकर रखे। उनके विचार आज भी हर किसी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं। उनकी दूरदर्शिता और प्रगतिशील मानसिकता दर्शाते हैं।
नगर निगम में मंडलायुक्त शैलेंद्र सिंह ने अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उन्होंने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा डॉ. अंबेडकर ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम और आजादी के बाद के सुधारों में भी अहम योगदान दिया है।
इसके अलावा बाबासाहेब ने भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनके जीवन को जानने पर पता चलता है कि भीमराव अंबेडकर अध्ययनशील और कर्मठ थे। अपनी पढ़ाई के दौरान उन्होंने अर्थशास्त्र, राजनीति, कानून, दर्शनशास्त्र और समाजशास्त्र का अच्छा ज्ञान प्राप्त किया था।
कलेक्ट्रेट में हुए कार्यक्रम में जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने कहा डॉ. आम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल के दिन ही 1891 में मध्य प्रदेश के महू में स्थित एक छोटे से गांव में हुआ था।
भीमराव अंबेडकर को भारतीय समाज सुधारक, संविधान निर्माता और महान नेता के रूप में पहचाना जाता है। आर्थिक और सामाजिक भेदभाव का सामना करने वाले बाबा साहेब ने अपने जीवन में हार नहीं मानी और उच्चतम शिक्षा हासिल करने का प्रयास जारी रखा। वो अपने जीवन में कभी भी संघर्ष से पीछे नहीं हटे।
यही वजह है कि उन्होंने न सिर्फ अपने हक की लड़ाई लड़ी और साथ ही में वो लोगों के अधिकारों के लिए भी लड़े। उनका पूरा जीवन लोगों के लिए प्रेरणा है।
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