वंदे भारत एक्सप्रेस को खरीदने के लिए दुनिया के कई देशों ने दिखाई दिलचस्पी
नई दिल्ली। मेक इन इंडिया का पूरी दुनिया में डंका बजने लगा है। तेजस फाइटर के बाद वंदे भारत एक्सप्रेस को खरीदने के लिए भी दुनिया के कई देशों ने दिलचस्पी दिखाई है। अभी देश में 34 वंदे भारत एक्सप्रेस चल रही हैं और अब इसका स्लीपर वर्जन बनाने पर भी काम चल रहा है। रेलवे सूत्रों के मुताबिक चिली जैसे देशों से भी इस ट्रेन के बारे में पूछताछ की जा रही है। हालांकि अभी रेलवे की प्राथमिकता घरेलू डिमांड पूरी करने की है।
देश में वंदे भारत एक्सप्रेस तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं और कई रूट्स पर इसे चलाने की मांग बढ़ रही है। अभी इसे केवल शताब्दी के रूट पर चलाया जा रहा है लेकिन जल्दी ही इसे राजधानी के रूट पर चलाने की भी तैयारी चल रही है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण अमेरिकी देश चिली ने वंदे भारत के डिजाइल में दिलचस्पी दिखाई है। हालांकि अभी यह पूछताछ शुरुआती स्तर पर हैं और वहां से ऑर्डर मिलने में कुछ समय लग सकता है। यह देखना सुखद है कि दुनियाभर के कई देश हमारे स्वदेशी डिजाइन में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। भारत का फोकस खासकर अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे देशों पर है। इसकी वजह यह है कि इन देशों में इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव डिमांड में हैं। अभी जो वंदे भारत बनाई गई हैं वे ब्रॉड-गेज के लिए फिट हैं लेकिन स्टैंडर्ड गेज के लिए इसमें बदलाव की जरूरत होगी। दुनिया के कई देशों में स्टैंडर्ड गेज का इस्तेमाल होता है।
रेलवे का एक्सपोर्ट
रेलवे की एक्सपोर्ट कंपनी राइट्स के पास 2,100 करोड़ रुपये के ऑर्डर है। श्रीलंका के लिए 1,400 करोड़ रुपये के रोलिंग स्टॉक का ऑर्डर मिला है जबकि अफ्रीकी देश मोजाम्बिक से 700 करोड़ रुपये का ऑर्डर हासिल हुआ है। श्रीलंका को आठ सेट डीएमयू, 10 ब्रॉड गेज लोकोमोटिव्स और 160 कोच दिए जाने हैं। हाल में राइट्स को बांग्लादेश रेलवे के लिए कोच सप्लाई करने के ऑर्डर में एल1 घोषित किया गया है। यह ऑर्डर 1000 करोड़ रुपये का है। भारत साथ ही अगले तीन से पांच साल में फोर्ज्ड व्हील के एक्सपोर्ट की तैयारी में है।