फिरोजाबाद काठ बाजार: सांत्वना के शब्द भी बेअसर…… त्योहार की खुशियाँ हुईं फीकी
1999 के बाद पांचवी बार जला काठ बाजार, हर बार मुआवजा के नाम पर मिला अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का आश्वासन
फिरोजाबाद: जिले के थाना उत्तर क्षेत्र के काठ बाजार में वर्ष 1999 के बाद पांचवीं बार आग की भीषण घटना हुई है। काठ बाजार में सबसे पहले आग की घटना वर्ष 1999 में हुई थी। उसके बाद 2002, 2019 व 2021 के बाद रविवार को पांचवीं बार भीषण आग लगने की घटना हुई है। आग में दुकानदारों के सपने के साथ परिवार के साथ खुशी से त्योहार मनाने का सपना भी जल गया। दुकानदारों की माने तो पिछली चार बार हुई आग लगने की घटना में हुए नुकसान का मुआवजा मिलने के नाम पर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का आश्वासन ही मिला।
काठ बाजार में फर्नीचर व लकड़ी की दुकानों में लाखों की कीमत का फर्नीचर व लकड़ी का स्टॉक जमा था। कोरोना के कारण बीते दो-तीन साल पहले काठ बाजार सुस्त था। ऐसे में कारोबारियों को इस बार अच्छी बिक्री की उम्मीद थीं।लेकिन रविवार की तड़के संदिग्ध परिस्थिति में फूटी आग की चिंगारी ने दुकानदारों की उम्मीद,सपने और खून-पसीना की कमाई चंद घंटों में स्वाहा हो गई। बाकी रह गए बस आंखों में बेबसी के आंसू, गाढी कमाईं गंवाने के बाद की हताशा।
घटना के घंटों बाद व्यापारी नेताओं को आई पीड़ितों की सुध
काठ बाजार की दुकानों में सुबह 3:15 बजे आग लगी थी। आग लगने की घटना के बाद ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा नगर विधायक, महापौर भी मौके पर पहुंच गए थे, लेकिन व्यापारी नेताओं का पीड़ितों से मिलने की सुध घटना के घंटों बाद आई। दोपहर करीब डेढ़ बजे से व्यापार मंडल के अलग-अलग गुट के पदाधिकारी पीड़ित दुकानदारों से मिलने पहुंचे। दुकानदारों के कंधे पर हाथ रखकर फोटो कराई। फोटो खिंचवाने के बाद सभी लौट गए। कई राजनीतिक दलों के लोगों ने भी ऐसा ही किया।
आग लगने का नहीं चल सका पता
पीड़ित दुकानदारों का कहना था कि शॉर्टसर्किट से आग लगती तो फीडर से शटडाउन हो जाता, लेकिन घटना के एक घंटे बाद तक विद्युत आपूर्ति चालू रही। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी आग लगने का कारण पता नहीं कर सके हैं।
जानिए दुकानदारों ने क्या कहा-
दुकानदार हाजी अबरार ने कहा कि ‘आग लगने की घटना में करीब दस लाख रुपये का नुकसान हुआ है। देवोत्थान पर होने वाले विवाह के लिए करीब एक दर्जन ऑर्डर मिले थे। अब कैसे पूरे हो सकेंगे।’
दुकानदार प्रदीप कुमार ने बताया कि ‘सुबह करीब साढ़े तीन बजे आग लगने की घटना में करीब 17 लाख रुपये की क्षति हुई है। नुकसान का मुआवजा मिलने के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है।’
दुकानदार शानू बरेली ने बताया कि ‘बरेली में रहता हूं। दीपावली और देवोत्थान के लिए चार से पांच लाख का ऑर्डर मिले थे। जिन्हे पूरा भी कर दिया गया था। आग लगने से सब सामान जलकर खाक हो गया।’
दुकानदार ममतेश झा ने कहा कि ‘आग लगने की घटना में करीब पांच से छह लाख रुपये का सामान जलकर राख हो गया। हर बार की तरह इस बार भी सिर्फ आश्वासन ही मिला है। कोई सुनने वाला नहीं है।’
दुकानदार गुलफाम अहमद ने कहा कि ‘काठ बाजार में करीब 25वर्ष से फर्नीचर की दुकान चल रही है। पूरी घटना में करीब दस लाख का नुकसान हुआ है। धनतेरस के लिए तीन से चार लाख का ऑर्डर भी मिले थे।’
दुकानदार नीरज शर्मा ने बताया कि ‘बाजार में लकड़ी की मंदिर बनाने का काम है। दीपावाली को लेकर अच्छा आॅर्डर मिले थे। जिसमें दो लाख का माल तैयार करना था। करीब छह लाख का नुकसान हुआ है।’
दुकानदार उज्ज्वल जैन ने कहा कि ‘काठ बाजार में बक्शे और अलमारी बनाकर बिक्री करने का काम है। इस बार भी जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने मुआवजने का आश्वासन दिया है। कभी मुआवजा नहीं मिलता।’
दुकानदार गोविंद शर्मा ने कहा कि ‘दुकान में त्योहार पर अच्छा व्यापार करने के लिए स्टॉक किया था। आग लगने से पूरा सामान जल गया। इसमें करीब तीन से साढ़े तीन लाख रुपये का नुकसान हुआ है।’