आगरा: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए 50% तक के टैरिफ के बावजूद आगरा के फुटवियर निर्यातकों ने अप्रैल से सितंबर 2025 की पहली छमाही में शानदार प्रदर्शन किया है। काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट्स (CLE) के आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान आगरा से कुल 1,872 करोड़ रुपये का जूता निर्यात हुआ, जो पिछले साल की समान अवधि के 1,711 करोड़ रुपये से 9.43% अधिक है। लेदर फुटवियर की मांग में 9.01% का उछाल दर्ज किया गया, जबकि फुटवियर कंपोनेंट और लेदर गुड्स का निर्यात अप्रत्याशित रूप से बढ़ा। यह वृद्धि यूरोपीय बाजारों की मजबूत मांग और अमेरिकी टैरिफ से पहले ऑर्डर पूरे करने की रणनीति का नतीजा मानी जा रही है।

अगस्त में मामूली कमी, लेकिन पूर्व-पूर्व ऑर्डर ने बचाया

ट्रंप प्रशासन ने अगस्त 2025 में भारत पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाया, जिससे कुल टैरिफ 50% तक पहुंच गया। यह कदम भारत के रूस से तेल खरीद पर पेनल्टी के रूप में उठाया गया। CLE के आंकड़ों से पता चलता है कि अगस्त में निर्यात में केवल 0.05% की मामूली कमी आई। पिछले साल अगस्त में 380 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ था, जबकि इस साल यह 399.96 करोड़ रुपये रहा। निर्यातकों ने सितंबर-अक्टूबर के ऑर्डर की डिलीवरी टैरिफ लागू होने से पहले ही पूरी कर ली, जिससे तत्काल असर कम हुआ।

आगरा फुटवियर मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स चैंबर (AFMEC) के अनुसार, अमेरिका आगरा के निर्यात का 24% हिस्सा रखता है, जो करीब 1,000 करोड़ रुपये का है। वैश्विक स्तर पर भारत का लेदर निर्यात 2024-25 में 4.82 बिलियन डॉलर तक पहुंचा, जिसमें अमेरिका को 1.04 बिलियन डॉलर का हिस्सा था।

लेदर फुटवियर का दबदबा बरकरार, यूरोप प्रमुख बाजार

आगरा के जूता उद्योग में लेदर फुटवियर की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है। पहली छमाही में इसका निर्यात 9.01% बढ़कर 1,857 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले साल 1,703 करोड़ था। फुटवियर कंपोनेंट का निर्यात 4.59 करोड़ से बढ़कर 10.28 करोड़ रुपये रहा। यूरोप आगरा के निर्यात का प्रमुख बाजार बना हुआ है, जहां पारंपरिक लेदर जूतों की मांग मजबूत है। अमेरिका में तेजी से बढ़ते बाजार के बावजूद, निर्यातक अब रूस और घरेलू मांग पर नजर टिकाए हुए हैं।

श्रेणी 2024 पहली छमाही (करोड़ रुपये) 2025 पहली छमाही (करोड़ रुपये) वृद्धि (%)
कुल फुटवियर निर्यात 1,711 1,872 9.43
लेदर फुटवियर 1,703 1,857 9.01
फुटवियर कंपोनेंट 4.59 10.28 124
अगस्त निर्यात 380 399.96 -0.05

आने वाले महीनों में चुनौतियां, एफमेक अध्यक्ष की चिंता

AFMEC अध्यक्ष गोपाल गुप्ता ने कहा, “टैरिफ का असर अगस्त से पहले ऑर्डर डिलीवरी के कारण नजर नहीं आया, लेकिन सितंबर-अक्टूबर में गिरावट संभव है। हम यूरोपीय यूनियन के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर नजर रखे हुए हैं।” महासचिव प्रदीप वासन ने चेतावनी दी कि अगले छह महीने चुनौतीपूर्ण होंगे। यदि टैरिफ न हटे, तो आने वाली तिमाही में निर्यात में भारी गिरावट आ सकती है। आगरा का लेदर उद्योग, जिसमें 10,000 माइक्रो यूनिट्स और 2 लाख से अधिक रोजगार हैं, सबसे ज्यादा प्रभावित होगा।

विशेषज्ञों का अनुमान है कि टैरिफ से भारत के कुल 48.2 बिलियन डॉलर के निर्यात पर खतरा मंडरा रहा है, जिसमें लेदर सेक्टर प्रमुख है। निर्यातक अब वियतनाम और चीन जैसे प्रतिद्वंद्वियों से मुकाबला करने के लिए कीमतें कम करने या वैकल्पिक बाजार तलाशने पर विचार कर रहे हैं।

मीट एट आगरा: नए बाजारों की तलाश का मंच

इन चुनौतियों से निपटने के लिए आगरा ट्रेड सेंटर में 17वें संस्करण का इंटरनेशनल लेदर फुटवियर शो ‘मीट एट आगरा’ 7 से 9 नवंबर 2025 को आयोजित होगा। AFMEC द्वारा संचालित इस फेयर में 300 से अधिक कंपनियां हिस्सा लेंगी। यहां अत्याधुनिक मशीनरी, कच्चा माल, कंपोनेंट और टेक्नोलॉजी प्रदर्शित होंगे। निर्यातक अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव से उबरने और नए बाजारों (जैसे रूस और मध्य पूर्व) की तलाश करेंगे। यह आयोजन आगरा को वैश्विक फुटवियर हब के रूप में मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगा।

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