बस्ती। उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ के जोनल अध्यक्ष का. अशर्फीलाल ने नये श्रम कानूनांे पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि इन कानूनों में कर्मचारियों, श्रमिकों से अनेक अधिकार छीन लिये गये हैं और निजी कम्पनियों को मनमानी की छूट दे दी गई है। इससे श्रमिक और सर्वहारा वर्ग उदास है। उन्होने निजीकरण के खतरे पर कहा कि बस्ती जनपद में बिजली विभाग में संविदा पर कार्य कर रहे कर्मचारियों पर हमेंशा हटा देने की तलवार लटकती रहती है और ऐसे कर्मचारियों का परिवार आर्थिक रूप से टूट जाता है। का. अशर्फीलाल ने कहा कि बिजली कर्मचारी संघ और उनके व्यक्तिगत प्रयास से लेबर कोर्ट से हर्रैया डिवीजन से निकाले गये 9 कर्मचारियों अजीत शुक्ल, रामकिशुन, दिलीप वर्मा, रामचरन, दिलीप कुमार, सूर्यभान, जगनरायन, अलकनाथ तिवारी, राम विलास यादव को पुनः काम पर वापस लिया गया है।
का. अशर्फीलाल ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि लेबर कोर्ट ने ग्लोबल क्रिएशन्स प्राइबेट लिमिटेड के साथ ही बिजली विभाग के सम्ंबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे नियुक्ति सुनिश्चित कराये। का. अशर्फीलाल ने कहा कि संविदा कर्मचारियों को कठिन दौर से गुजरना पड़ रहा है। केन्द्र और राज्य सरकारों को इस ओर भी ध्यान देना होगा।

शिवेश शुक्ला मंडल ब्यूरो चीफ, बस्ती (जिला नज़र सोशल & प्रिंट मीडिया न्यूज़ नेटवर्क) शिवेश शुक्ला एक प्रतिबद्ध और अनुभवी पत्रकार हैं, जो पत्रकारिता में 10 वर्षों की दक्षता रखते हैं। बीते 5 वर्षों से 'जिला नज़र' में मंडल ब्यूरो चीफ पद पर कार्यरत हैं, वे निर्भीकता और निष्पक्षता के साथ जनसरोकार से जुड़ी खबरों की मुखर आवाज बने हुए हैं।

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