लखनऊ: अब से डॉक्टरों को मरीज की मौत का कारण लिखित रूप में परिजनों को देना होगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जन्म-मृत्यु प्रमाणीकरण अधिनियम में बदलाव किया गया है। इसके तहत मृत्यु प्रमाण पत्र पर मौत का स्पष्ट कारण लिखना अनिवार्य होगा और परिजनों को इसकी प्रमाणित प्रति बिना किसी शुल्क के देनी होगी।

मुख्य बदलाव

  • मौत का कारण लिखना अनिवार्य: अब डॉक्टरों को मृत्यु प्रमाण पत्र पर मरीज की मौत का सटीक कारण लिखना होगा।
  • निःशुल्क प्रमाणित प्रति: परिजनों को मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रमाणित कॉपी बिना किसी फीस के दी जाएगी।
  • डेटाबेस तैयार होगा: मृत्यु के कारणों का राष्ट्रीय डेटाबेस बनेगा, जिससे स्वास्थ्य नीतियां बनाने में मदद मिलेगी।
  • गृह मंत्रालय के पोर्टल पर जानकारी: मौत की जानकारी को सरकारी पोर्टल पर भी अपलोड किया जाएगा।
  • नियम न मानने पर कार्रवाई: अगर कोई डॉक्टर इस आदेश का पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

क्यों किया गया बदलाव

इस नए नियम का मकसद मृत्यु के कारणों का सही रिकॉर्ड रखना और देश में स्वास्थ्य संबंधी आंकड़ों को व्यवस्थित करना है। इससे सरकार को बीमारियों और मौत के प्रमुख कारणों का पता चलेगा, जिससे भविष्य में बेहतर स्वास्थ्य योजनाएं बनाई जा सकेंगी।

एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया, यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन है। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि गलत मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने की घटनाओं पर भी अंकुश लगेगा।

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